पंजाब बंद: किसानों के आंदोलन से यातायात प्रभावित, रेल व बस सेवाएं स्थगित

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चंडीगढ़, 30 दिसंबर (भाषा) पंजाब में किसानों द्वारा आहूत ‘बंद’ के कारण कई स्थानों पर जनजीवन प्रभावित हुआ है। किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर यहां केंद्र के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।

आंदोलन के बीच राज्य के कई स्थानों पर रेल और सड़क यातायात बाधित रहा तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे।

किसानों ने सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक बंद के आह्वान के तहत पटियाला, जालंधर, अमृतसर, फिरोजपुर, बठिंडा और पठानकोट सहित कई सड़कों और राजमार्गों पर धरना दिया, जिससे यातायात बाधित हो गया।

केंद्र द्वारा एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की किसानों की मांग नहीं माने जाने पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने पिछले सप्ताह राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था।

यह बंद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए भी रखा गया, जो पिछले 35 दिन से खनौरी सीमा स्थित किसानों के विरोध स्थल पर अनशन कर रहे हैं।

धारेरी जट्टन टोल प्लाजा पर किसानों के धरने से पटियाला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई।

अमृतसर के गोल्डन गेट पर किसानों ने धरना दिया। पुलिस ने वहां फंसे कुछ विदेशी पर्यटकों की मदद के लिए ‘ऑटो रिक्शा’ की व्यवस्था की और उन्हें स्वर्ण मंदिर तक पहुंचाया

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने अमृतसर में संवाददाताओं से कहा कि आपातकालीन और अन्य आवश्यक सेवाओं के संचालन को जारी रखने की अनुमति दी गयी है।

उन्होंने कहा कि हवाई अड्डा जा रहे लोगों, नौकरी के लिए साक्षात्कार देने या फिर शादी समारोह में शामिल होने जा रहे लोगों को बंद के आह्वान के बीच छूट दी गयी है।

कुछ स्थानों पर यात्रियों और सड़क जाम कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों के बीच बहस हुई।

पंधेर ने कहा कि पंजाबियों ने आज अपनी एकता दिखाई है और वे पूरा समर्थन दे रहे हैं।

किसान कई स्थानों पर पटरियों पर बैठ गए, जिसके कारण रेलवे को राज्य से गुजरने वाली कई रेलगाड़ियों को रद्द करना पड़ा।

फिरोजपुर, जालंधर, लुधियाना और बठिंडा में यात्री स्टेशन पर फंसे रहे।

गुजरात निवासी एक कैंसर रोगी, फिरोजपुर के रेलवे स्टेशन पर फंसे रहे। उनकी पत्नी ने बताया कि उन्हें कुछ दवाइयां लेने हिमाचल प्रदेश जाना था।

फगवाड़ा में किसानों ने एनएच-44 पर शुगरमिल क्रॉसिंग के पास धरना दिया और यहां से नकोदर, होशियारपुर तथा नवांशहर की ओर जाने वाली सड़कों को अवरुद्ध कर दिया।

फगवाड़ा-बंगा रोड पर बेहराम टोल प्लाजा पर भी धरना दिया गया और कई स्थानों पर अनाज की मंडियां बंद रहीं।

पंधेर ने हड़ताल को ट्रांसपोर्टर, कर्मचारी यूनियन, व्यापारी संगठनों और धार्मिक संगठनों से समर्थन मिलने का दावा किया।

कई स्थानों पर सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन बंद रहा, जबकि अधिकतर निजी बस संचालकों ने भी अपनी सेवाएं निलंबित कर दीं।

लुधियाना जिले में किसानों ने 17 स्थानों पर धरना दिया।

बठिंडा में दवाइयों की कुछ दुकानों को छोड़कर सभी अन्य प्रतिष्ठान बंद रहे।

जिले से अमृतसर, श्रीगंगानगर और मुक्तसर की ओर जाने वाली सड़कें भारतीय किसान यूनियन, सिद्धूपुर कार्यकर्ताओं द्वारा अवरुद्ध कर दी गईं, जिनके नेता राम सिंह देओन ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह हमारी फसलों और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए लड़ाई है।’’

कपूरथला और जालंधर में भी सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे।

प्रदर्शनकारियों के लिए चाय और दाल-प्रसादा की व्यवस्था की गई।

अंबाला सहित राज्य के कुछ पड़ोसी इलाकों में भी बंद का असर रहा।

सुरक्षाबलों द्वारा दिल्ली में प्रवेश से रोके जाने के बाद से एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।

एमएसपी के अलावा, किसान कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’ की भी मांग कर रहे हैं।

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