चंडीगढ़, तीन दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां तीन नए आपराधिक कानूनों के सफल क्रियान्वयन को राष्ट्र को समर्पित किया।
ये कानून – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम – एक जुलाई को लागू हुए और इन्होंने ब्रिटिश काल के कानूनों क्रमशः भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली।
चंडीगढ़ देश की पहली प्रशासनिक इकाई बन गई है, जहां तीनों कानूनों का 100 प्रतिशत क्रियान्वयन किया गया है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नये आपराधिक कानून सभी नागरिकों के लाभ के लिए संविधान में निहित आदर्शों को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
उन्होंने कहा कि ये कानून औपनिवेशिक युग के कानूनों के अंत का प्रतीक हैं। मोदी ने कहा कि औपनिवेशिक युग के कानून अंग्रेजों द्वारा भारत पर शासन करने के दौरान किए गए अत्याचारों और शोषण का माध्यम थे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘1857 की क्रांति ने ब्रिटिश शासन की जड़ें हिला दीं और 1860 में वे आईपीसी लेकर आए और बाद में भारतीय साक्ष्य अधिनियम और सीआरपीसी अस्तित्व में आया। उन कानूनों का उद्देश्य भारतीयों को दंडित करना और उन्हें गुलाम बनाए रखना था।’’
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चंडीगढ़ में इन तीनों कानूनों को पूरी तरह से लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के भीतर न्याय मिल जाएगा।’’
शाह ने कहा, ‘‘हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक प्रणाली होगी।’’
केंद्रीय गृह मंत्री ने नये कानूनों को पूरी तरह से लागू करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की सराहना भी की।
इससे पहले, मोदी ने एक सीधा (लाइव) प्रदर्शन भी देखा, जिसमें नये कानूनों के तहत अपराध स्थल की जांच को प्रदर्शित किया गया।
चंडीगढ़ पुलिस ने यहां पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थापित एक प्रदर्शनी हॉल में साक्ष्य एकत्र करने और बयान दर्ज करने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में नये कानूनों को व्यावहारिक रूप से लागू करने की प्रक्रिया को प्रदर्शित किया गया।
मोदी को चंडीगढ़ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कंवरदीप कौर ने जानकारी भी दी।
प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह के साथ पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के सलाहकार राजीव वर्मा और चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक सुरेंद्र सिंह यादव भी थे।
सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि एक जुलाई, 2024 को देशभर में लागू किये गए नये आपराधिक कानूनों का उद्देश्य भारत की कानूनी प्रणाली को अधिक पारदर्शी, कुशल और समकालीन समाज की जरूरतों के अनुकूल बनाना है।
बयान में कहा गया कि ये ऐतिहासिक सुधार भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक हैं, जो साइबर अपराध एवं संगठित अपराध जैसी आधुनिक चुनौतियों से निपटने और विभिन्न अपराधों के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नया ढांचा प्रदान करते हैं।