बढ़ते शारीरिक तनाव के कारण खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय और लीग क्रिकेट से दूर हो सकते हैं: डोनाल्ड

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एलन-डोनाल्ड

मुंबई, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज एलन डोनाल्ड ने सोमवार को कहा कि  मौजूदा दौर में व्यस्त कार्यक्रम के प्रभाव से होने वाले शारीरिक तनाव के कारण खिलाड़ी लीग और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों को छोड़ना शुरू कर दें तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

‘एसए20’ के तीसरे सत्र से पहले दक्षिण अफ्रीका को पाकिस्तान के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की अहम श्रृंखला खेलनी है। इस श्रृंखला में उसके लिए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई करना दांव पर लगा होगा लेकिन उसके कई अहम गेंदबाज चोटिल है।

एनरिच नॉर्किया (पैर की अंगुली में फ्रैक्चर), लुंगी एनगिडी (कमर की चोट), गेराल्ड कोएट्जी (कमर की चोट), नांद्रे बर्गर (पीठ के निचले हिस्से में स्ट्रेस फ्रैक्चर) जैसे गेंदबाज चोटिल है और लिजाड विलियम्स को टीम में शामिल नहीं किया गया है। टीम में जगह बनाने वाले केशव महाराज और वियान मुल्डर भी हाल ही चोट से उबरे हैं।

डोनाल्ड ने ‘एसए20’ द्वारा आयोजित बातचीत में कहा, ‘‘ शानदार गेंदबाजी करने वालों का चोटिल होना निराशाजनक है। एनरिच नॉर्किया और कुछ अन्य गेंदबाजों के साथ ऐसा होना टीम के लिए आदर्श स्थिति नहीं है। वह ऐसे गेंदबाज है जो 155 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने के साथ गेंद को स्विंग भी करते है।’’

अपने जमाने में दुनिया के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में शामिल रहे डोनाल्ड ने कहा, ‘‘ “दुर्भाग्य से यह (खिलाड़ियों का चोटिल होना) इस खेल का हिस्सा है। मुझे आश्चर्य नहीं होगा कि बहुत से खिलाड़ी किसी लीग या टूर्नामेंट को छोड़ दे और शायद अपने देश के लिए भी हर टूर्नामेंट को ना खेलें।’’

 डोनाल्ड ने कहा, ‘‘यह एक सतत चक्र है, दुर्भाग्य से शरीर पर पड़ने वाले तनाव के स्तर को रोकना कठिन है। यह स्थिति हालांकि नयी प्रतिभा के लिए अच्छी बात है और हम यही देखना चाहते हैं।’’

डोनाल्ड ‘एसए20’ के ब्रांड दूत के साथ डरबन सुपर जायंट्स के गेंदबाजी कोच के रूप में भी काम करेंगे। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में होने वाली इस टी20 लीग के पास ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग को पीछे छोड़ने की क्षमता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ आपके पास बिग बैश लीग और आईपीएल जैसे सफल लीग है। ये अपने आप में बहुत बड़े हैं। ‘एसए20’ सिर्फ एक महीने चलने वाली लीग है लेकिन इसमें बीबीएल से आगे निकलने की क्षमता है। दक्षिण अफ्रीका और इसके घरेलू क्रिकेट के लिए यह बहुत मायने रखता है।’’

 

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