नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) प्रीमियम कार्यस्थलों की बढ़ती मांग के बीच रियल एस्टेट कंपनियां घरेलू तथा विदेशी कंपनियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रमुख शहरों में करीब 250 लाख वर्ग फुट के कार्यस्थल विकसित कर रही हैं। रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही।
एनारॉक ने इस वर्ष अप्रैल में कार्यालय पट्टा क्षेत्र में प्रवेश किया। आवास ब्रोकरेज, पूंजी बाजार लेनदेन, खुदरा के साथ-साथ औद्योगिक और गोदाम स्थानों को पट्टे पर देने आदि के साथ उसने अपने कारोबार का विस्तार किया।
रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के वाणिज्यिक पट्टे एवं सलाहकार के प्रबंध निदेशक पीयूष जैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय कार्यालय बाजार के लिए वर्ष 2024 रिकॉर्ड सकल पट्टा मांग और रिक्तियों की दर में गिरावट के साथ बेहद अच्छा रहा है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अगले वर्ष भी मांग में तेजी जारी रहेगी।
रियल एस्टेट क्षेत्र में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव रखने वाले जैन ने कहा, ‘‘ वैश्विक महामारी के बाद कार्यालय बाजार ने मजबूत सुधार और समेकन दिखाया है।’’
जैन ने कहा कि बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा भारत में वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) स्थापित किए जा रहे हैं। इससे प्रमुख कार्यालय बाजारों बेंगलुरु, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), मुंबई, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, अहमदाबाद और कोलकाता में कार्यालय स्थान की भारी मांग उत्पन्न हो रही है।
उन्होंने साथ ही गुरुग्राम, बेंगलुरु तथा पुणे में ‘ग्रेड ए’ कार्यालय स्थान की आपूर्ति की कमी की ओर इशारा किया, लेकिन कहा कि डेवलपर इस कमी को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं।
जीसीसी से मांग बनी रहने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ बिल्कुल। जीसीसी से मांग मजबूत बने रहने की उम्मीद है। भारत की लागत प्रभावशीलता, कुशल कार्यबल तथा परिचालन दक्षता इसे बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं व बीमा (बीएफएसआई), स्वास्थ्य सेवा, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान एवं विकास जैसे उद्योगों में जीसीसी के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाती है।’’
कार्यालय बाजार के समक्ष चुनौतियों के बारे में जैन ने कहा कि कार्यालय बाजार के लिए प्रमुख चुनौतियों में कच्चे माल की उच्च लागत और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण निर्माण में देरी शामिल है।