नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को कहा कि 11 दिसंबर को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर का पदभार संभालने के बाद वह सभी नजरियों को समझने और अर्थव्यवस्था के लिए सर्वोत्तम काम करने की कोशिश करेंगे।
वित्त मंत्रालय के बाहर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मल्होत्रा ने कहा, ‘‘ किसी को भी (इस पद पर काबिज) क्षेत्र, सभी दृष्टिकोणों को समझना होगा और अर्थव्यवस्था के लिए सर्वोत्तम करना होगा।’’
मल्होत्रा (56) वर्तमान में वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव हैं। सरकार ने सोमवार शाम को उन्हें केंद्रीय बैंक का गवर्नर नियुक्त करने लिए नामित किया था। वह निवर्तमान गवर्नर शक्तिकान्त दास का स्थान लेंगे।
राजस्थान के 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी मल्होत्रा के पास बिजली, वित्त तथा कराधान जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ सार्वजनिक नीति में तीन दशक से अधिक का अनुभव है।
वह ऐसे समय में केंद्रीय बैंक की कमान संभालने जा रहे हैं जब अर्थव्यवस्था धीमी वृद्धि दर और उच्च मुद्रास्फीति की दोहरी चुनौती का सामना कर रही है।
दास ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मानक ब्याज दर को करीब दो साल तक अपरिवर्तित रखा। मल्होत्रा की छवि सभी के साथ मिलकर काम करने वाली है। वह मानते हैं कि कीमतों को अकेले केंद्रीय बैंक प्रबंधित नहीं कर सकता है और इसके लिए सरकारी मदद की भी जरूरत है।
वह ऐसे समय केंद्रीय बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं जब आरबीआई पर आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए प्रमुख ब्याज दर रेपो में कटौती का दबाव है।
इससे पहले, जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर जुलाई-सितंबर में घटकर सात तिमाहियों में सबसे निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर रही है। वहीं अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
सरकार ने आरबीआई को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है।