बांगिरीपोसी (ओडिशा), सात दिसंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि उन्होंने विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रोटोकॉल तोड़कर ओडिशा और अपने पैतृक जिले मयूरभंज जिले का कई बार दौरा किया है।
मुर्मू राज्य की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन यहां तीन नयी रेलवे लाइनों के अलावा एक आदिवासी अनुसंधान एवं विकास केंद्र, दंडबोस हवाई अड्डे और रायरंगपुर में उप-मंडलीय अस्पताल की आधारशिला रखने के बाद एक सभा को संबोधित कर रही थीं।
मुर्मू ने कहा, ‘‘आमतौर पर राष्ट्रपति के तौर पर अपने राज्य और जिले का दौरा करने का प्रावधान नहीं है। हालांकि, मैंने प्रोटोकॉल तोड़ दिया और इस क्षेत्र के लोगों की कठिनाइयों के कारण बार-बार यहां का दौरा किया। इस क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए मैं अपनी ओर से जो भी संभव है, करती हूं।’’
मुर्मू ने कहा कि जब वह झारखंड की राज्यपाल थीं, तब उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में रेलवे के विकास के लिए दबाव बनाने के वास्ते कई बार मौजूदा रेल मंत्री से मुलाकात की थी।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘जब मैं वर्ष 2000 में ओडिशा की परिवहन मंत्री थी तो मैंने तत्कालीन रेल मंत्री से राज्य में इस क्षेत्र के विकास के लिए अनुरोध किया था। हालांकि, इस पर काम आगे नहीं बढ़ सका। अब, मैं प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को किए जा रहे कार्यों के लिए धन्यवाद देती हूं।’’
मुर्मू ने कहा कि लोगों का प्यार और स्नेह उन्हें यहां तक खींच लाया है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं यहां के लोगों, इस स्थान और इसकी आवश्यकताओं को जानती हूं। मैं अपने कार्यकाल के दौरान, जहां तक संभव होगा, इस क्षेत्र के लिए काम करती रहूंगी।’’
राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि वह किसी से कोई अनुचित अनुरोध नहीं कर रही हैं।
मुर्मू ने कहा, ‘‘मयूरभंज की कुछ जरूरतें हैं। यह राज्य का सबसे बड़ा जिला है। उसने (सरकार ने) इस जिले की जरूरत को समझा है। इसलिए मैं उसके सहयोग के लिए उसका आभार व्यक्त करती हूं।’’