नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) देश में पिछले 10 वर्षों में रिकॉर्ड 56,700 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) का निर्माण करने के बाद सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय 2025 में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और रखरखाव की गुणवत्ता पर ध्यान देगा।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पर मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, संचालन तथा रखरखाव का जिम्मा है।
राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 2013-14 में 0.91 लाख किलोमीटर से अब बढ़कर 1.46 लाख किलोमीटर हो गई है।
नवनियुक्त राजमार्ग सचिव वी. उमाशंकर ने राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और रखरखाव की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई बैठकें की हैं।
दिल्ली-जयपुर (एनएच-48) और अमृतसर-जामनगर आर्थिक गलियारे जैसे कुछ राजमार्गों की खराब गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करने के बाद मंत्रालय गुणवत्ता में सुधार के लिए कदम उठाने जा रहा है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ राजमार्गों के निर्माण की खराब गुणवत्ता पर बार-बार निराशा व्यक्त की है।
राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण व रखरखाव की गुणवत्ता का आकलन करने और जवाबदेही बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस महीने की शुरुआत में ऐसे कार्यों में लगे रियायतग्राहियों के प्रदर्शन के आकलन के लिए एक व्यापक रेटिंग प्रणाली शुरू की।
वहीं केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि जहां तक ‘शिपिंग’ उद्योग का सवाल है 2024 काफी महत्वपूर्ण रहा है।
सोनोवाल ने कहा,‘‘ ‘मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047’ में अगले 25 वर्षों में समुद्री क्षेत्र में 80000 अरब रुपये के निवेश का अनुमान है, जिसमें से 54000 अरब रुपये भारत के जहाज स्वामित्व, जहाज निर्माण तथा जहाज पंजीकरण परिवेश को बढ़ाने में खर्च किए जाने का अनुमान है।’’
मंत्री ने बताया कि कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड, एलएंडटी शिपयार्ड, स्वान एनर्जी (पिपावाव शिपयार्ड), चौगुले शिपयार्ड और शोफ्ट शिपयार्ड जैसे घरेलू शिपयार्ड जहाज निर्माण तथा जहाज मरम्मत संकुल में भाग लेने के लिए वैश्विक कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनायक पई ने कहा कि 2024 देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी रहा है।
पई ने कहा, ‘‘ जैसे-जैसे हम 2025 में कदम रख रहे हैं, इंजीनियरिंग, खरीद व निर्माण (ईपीसी) क्षेत्र और वृद्धि के लिए तैयार है, जो प्रगतिशील नीतियों, बढ़े हुए निवेश तथा टिकाऊ बुनियादी ढांचे के लिए एकीकृत प्रयास से प्रेरित है।’’