बेलगावी (कर्नाटक), 27 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की अर्थव्यवस्था पर ‘बड़ी छाप’ छोड़ी है।
उन्हें ‘सबसे सम्मानित व्यक्ति’ बताते हुए मुख्यमंत्री ने सिंह को एक सरल, सज्जन और ईमानदार राजनेता के रूप में याद किया।
भारत के आर्थिक सुधारों के जनक मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में बृहस्पतिवार रात नयी दिल्ली में निधन हो गया।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘सिंह का जन्म वर्तमान पाकिस्तान के एक छोटे से गांव में हुआ था और वे देश तथा दुनिया के जाने-माने अर्थशास्त्रियों में से एक थे। वे नरसिम्हा राव मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री थे और उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण तथा निजीकरण की शुरूआत करते हुए देश के सामने आए वित्तीय संकट का समाधान किया।’’
यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 2004 में सोनिया गांधी ने सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में चुना था, जिसके बाद उन्होंने 10 वर्षों तक यह जिम्मेदारी संभाली और देश को आर्थिक तथा सामाजिक रूप से उन्नति की ओर ले गए।
उन्होंने कहा, ‘‘वह देश के सबसे ईमानदार प्रधानमंत्रियों में से एक थे। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था पर बड़ी छाप छोड़ी।’’
सिद्धरमैया ने कहा कि सिंह को कभी सत्ता का नशा नहीं रहा, वह एक सरल और ईमानदार राजनेता थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंह ने गरीबों को सस्ती कीमत पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के मकसद से खाद्य सुरक्षा अधिनियम पेश किया था। उन्होंने कहा, ‘‘इस कानून के लागू होने के बाद मैंने कर्नाटक में गरीबों को एक रुपये में चावल उपलब्ध कराने की योजना शुरू की, जिसे बाद में बदलकर पांच किलो चावल मुफ्त कर दिया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज अगर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार गरीबों को पांच किलो मुफ्त चावल उपलब्ध करा रही है तो इसका कारण मनमोहन सिंह हैं। प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने गरीबों को ध्यान में रखकर काम किया।’’