तिरुवनंपुरम, सात दिसंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने शनिवार को केरल सरकार पर आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ सरकार राज्य में बिजली खरीद प्रणाली में अदाणी समूह को शामिल कर कारोबारी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी कर रही है।
चेन्निथला ने आरोप लगाया कि 2016 में संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) सरकार के दौरान पांच रुपये प्रति यूनिट से कम दरों पर बिजली खरीदने के लिए हस्ताक्षरित दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौते को वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार के दौरान अदाणी को इस प्रणाली में प्रवेश की सुविधा देने के लिए रद्द कर दिया गया था।
केरल सरकार ने शुक्रवार को पांच दिसंबर से प्रभावी 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दरों में 16 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की घोषणा की थी।
इसके अलावा 2025-26 वित्तीय वर्ष में बिजली दरों में 12 पैसे प्रति यूनिट की अतिरिक्त वृद्धि की जानी है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार के इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि वह बिजली उत्पादक कंपनियों, खासकर अदाणी के साथ मिलीभगत कर रही है। उन्होंने दावा किया, “इस कदम के सबसे बड़ा लाभार्थी अदाणी हैं। सरकार के इस फैसले का उद्देश्य अदाणी को केरल में बिजली खरीद प्रणाली में लाना है।”
उन्होंने कहा कि अब सरकार 10 से 14 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद रही है।
चेन्निथला ने यह भी आरोप लगाया कि बिजली नियामक आयोग के कुछ सदस्य जिन्होंने दीर्घकालिक अनुबंध को रद्द किया था, वे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के करीबी लोग थे।
पिनराई विजयन सरकार के 2016 में सत्ता में आने के बाद से अब तक पांचवीं बार शुल्क में वृद्धि हुई है।