बेलगावी, 27 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। पार्टी नेताओं ने श्रद्धांजलि उस स्थान पर दी, जहां महात्मा गांधी की अध्यक्षता में 1924 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन के शताब्दी समारोह के लिए विशाल सम्मेलन की योजना बनाई थी।
डॉ. मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने बृहस्पतिवार को शताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की विस्तारित बैठक में हिस्सा लिया।
उन्हें आज (शुक्रवार को) यहां ‘जय बापू-जय भीम-जय संविधान’ नाम के एक विशाल सम्मेलन को संबोधित करना था लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री सिंह के निधन के बाद यह कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।
खरगे, राहुल गांधी और दिल्ली कांग्रेस कमेटी के कई नेता दिल्ली वापस आ गए हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख डीके शिवकुमार, राज्य के मंत्रियों और विधायकों सहित अन्य नेताओं ने इस विशाल सम्मेलन के लिए निर्धारित स्थल पर सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
सिद्धरमैया ने अपने संबोधन में कहा, “मनमोहन सिंह एक महान अर्थशास्त्री और बहुत विनम्र इंसान थे।”
उन्होंने कहा, “वह (मनमोहन सिंह) नरम स्वभाव के, मृदुभाषी और कम बोलने वाले व्यक्ति थे। मुझे नेता प्रतिपक्ष (राज्य विधानसभा) और कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में उनसे कई बार मिलने का अवसर मिला। वह सभी के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करते थे और सभी को धैर्यपूर्वक सुनते थे। वह सीधे तौर पर बताते थे कि उनसे जो कहा या अनुरोध किया गया है, वह होगा या नहीं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंह एक ईमानदार प्रधानमंत्री थे और उन्होंने अपने करियर में विभिन्न पदों पर काम किया। सिद्धरमैया ने कहा कि सिंह ने पदों के साथ न्याय किया तथा देश के सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास किया।
वहीं शिवकुमार ने मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियों और देश की प्रगति में उनके योगदान की सराहना की।
उन्होंने कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री से कहा कि वे बेंगलुरू विश्वविद्यालय में सिंह की आर्थिक नीति पर एक बड़ा शोध केंद्र स्थापित करने की संभावना तलाशें।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, “हम सरकार के स्तर पर और कैबिनेट में इस पर आवश्यक निर्णय लेंगे।”
उन्होंने कहा कि सिंह की नीतियों ने समाज के सभी वर्गों को प्रभावित किया है।
शिवकुमार ने कहा, “उनका (मनमोहन सिंह का) भले ही निधन हो गया हो लेकिन उनके कार्यक्रम अब भी जीवित हैं। हम सभी उनके बताए मार्ग पर चलेंगे।”
भारत में आर्थिक सुधारों के सूत्रधार डॉ. मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार रात को नयी दिल्ली में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। सिंह के निधन की घोषणा दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने की।
सिंह को गंभीर हालत में कल रात करीब साढ़े आठ बजे आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था।