पिछले दस साल में सरकार ने देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने को ताक पर रखा: कल्याण बनर्जी

0
dertygfdsza

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) सरकार पर देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने को ताक पर रखने का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि हमें संविधान को समझने के लिए इसमें दिए गए हर शब्द की व्याख्या को व्यापक अर्थों में समझना होगा।

तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में ‘संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और इसका उल्लेख संविधान की प्रस्तावना में भी है।

उन्होंने कहा कि संविधान में धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़े जाने से पहले देश में हर प्रधानमंत्री, हर मुख्मयंत्री ने इसे धर्मनिरपेक्ष माना। बनर्जी ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से इस सरकार के पिछले दस साल के कार्यकाल में देश में धर्मनिरपेक्ष तानाबाना ताक पर रख दिया गया।’’

बनर्जी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर धार्मिक आधार पर भेदभाव

करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि इस भेदभाव के कारण अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा और उनके सहयोगियों के उग्र हिंदुत्व की वजह से ऐसा माहौल है।

बनर्जी ने कहा कि संविधान की 75 साल की यात्रा की बात करें तो हमें पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक को श्रेय देना होगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई प्रधानमंत्री छूट नहीं सकता।

तृणमूल कांग्रेस सांसद ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘संविधान की गौरवशाली यात्रा केवल 10 वर्ष की नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि इस चर्चा की शुरुआत करने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण में यह सुनने को नहीं मिला कि इन 75 वर्ष में कौन सा कालखंड गौरवशाली था और कौन सा नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री से इस चर्चा के उत्तर में सुनना चाहूंगा कि कौन सा कालखंड गौरवशाली था और कौन सा नहीं।’’

उन्होंने कहा कि हमें संविधान को समझना है तो हमें इसमें दिए गए हर शब्द की व्याख्या को व्यापक अर्थों में समझना होगा।

बनर्जी ने यह दावा भी किया कि पिछले दस साल में भाजपा ने संवैधानिक अधिकारों को सीमित करने, मौलिक अधिकारों को कम करने का काम किया है।

उन्होंने मणिपुर में हिंसा का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि सरकारें उचित समय पर संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए कार्रवाई नहीं करतीं तो लोकतंत्र खतरे में होता है।

बनर्जी ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए पूछा, ‘‘क्या मणिपुर के लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हुई। अगर सही समय पर लोगों के अधिकारों की रक्षा नहीं हुई तो कोई लाभ नहीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर में लोकतंत्र को क्यों कमजोर किया गया? प्रधानमंत्री मणिपुर की समस्या क्यों नहीं सुन पा रहे?’’

बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल गए तो उन्होंने संदेशखालि में कहा कि यह देश का अंग है और यहां की महिलाएं देश की बेटियां हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सवाल है कि प्रधानमंत्री जी, क्या मणिपुर देश का अंग नहीं है? क्या मणिपुर की बेटियां देश की बेटियां नहीं हैं? क्या वहां की नारी का सम्मान देश की महिलाओं का सम्मान नहीं है?’’

बनर्जी ने कहा, ‘‘आपने (मणिपुर के लिए) क्या किया? आप इंतजार कर रहे हैं। कुछ नहीं कर रहे।’’

उन्होंने संभल हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि वक्फ संपत्ति के सर्वे के नाम पर कुछ लोगों की जान चली गई लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे।

बनर्जी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री होने के नाते आपकी जिम्मेदारी उन्हें बचाने की है। आप केवल अपने राजनीतिक दल के नफरत के एजेंडा को नहीं साध सकते।’’

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार भले ही आंकड़ों से खुश होती रहे, लेकिन देश की गरीब जनता बेरोजगारी, कुपोषण, गरीबी, मानसिक स्वास्थ्य आदि समस्याओं से जूझ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *