नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि उन्होंने नरेन्द्र मोदी को कभी ‘चायवाला’ नहीं कहा और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) नेता के प्रधानमंत्री पद के लिए अनुपयुक्त होने संबंधी उनकी धारणा का चाय बेचने के उनके अतीत से कोई लेना-देना नहीं था।
अय्यर ने 2014 के आम चुनावों से पहले अपनी टिप्पणियों से उपजे विवाद का जिक्र अपनी पुस्तक ‘ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स’ में किया है, जिसे ‘जगरनॉट’ द्वारा प्रकाशित किया गया है।
अय्यर (83) ने पुस्तक में कहा है कि 2014 में भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी को आगामी आम चुनावों में स्पष्ट विजेता के रूप में प्रचारित किया जा रहा था।
उन्होंने पुस्तक में लिखा, “मैं इस बात से बहुत भयभीत था कि जिस व्यक्ति की छवि गुजरात में 2002 में मुसलमानों के नरसंहार के कारण दागदार है, वह महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के भारत का नेतृत्व करने की आकांक्षा रख सकता है।”
अय्यर ने कहा कि इसलिए, जनवरी 2014 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पूर्ण अधिवेशन के दौरान एक साक्षात्कार में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह अपमानजनक है कि एक ऐसा व्यक्ति जो यह नहीं जानता कि सिकंदर कभी पाटलिपुत्र नहीं आया था या तक्षशिला पाकिस्तान में था, वह उस पद पर आसीन होने की कोशिश कर रहा है, जिस पर कभी जवाहरलाल नेहरू आसीन थे।
अय्यर ने कहा, ‘‘मैंने कहा था कि ‘भारत के लोग यह कभी स्वीकार नहीं करेंगे।’ फिर मैंने मजाक में कहा था कि अगर चुनाव हारने के बाद भी मोदी चाय परोसना चाहते हैं, तो हम उनके लिए कुछ व्यवस्था कर सकते हैं।”
अय्यर ने अपनी पुस्तक में लिखा, “तब से लेकर अब तक यह कहा जा रहा है कि मैंने कहा था कि मोदी इसलिए प्रधानमंत्री नहीं बन सकते क्योंकि वह ‘चायवाले’ थे। मैंने कभी मोदी को ‘चायवाला’ नहीं कहा और न ही कभी यह कहा कि चायवाला होने की वजह से वह कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे।”
उन्होंने लिखा कि वास्तव में अपने आपको ‘चायवाला’ कहने वाले खुद मोदी थे।
कांग्रेस नेता ने कहा, “मेरे बयान का वीडियो यूट्यूब पर अब भी उपलब्ध है, जिसे कोई भी देख सकता है।’’
पुस्तक में अय्यर ने ‘‘नीच’’ टिप्पणी विवाद समेत अपने साथ जुड़े अन्य विवादों का भी जिक्र किया।
अय्यर ने दावा किया कि मोदी ने उनकी टिप्पणियों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यह ‘‘पूरी तरह झूठ’’ है कि उन्होंने मोदी को ‘‘नीच जाति’’ का व्यक्ति कहा था।