भारत का विकास अमेरिकी निवेशकों के लिए अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है: के वी सुब्रमण्यन

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वाशिंगटन, छह दिसंबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत के कार्यकारी निदेशक डॉ. के वी सुब्रमण्यन ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के 2047 तक 55 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है और उसका विकास अमेरिकी निवेशकों के लिए अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है।

सुब्रमण्यन ने यह बात अपनी नयी पुस्तक ‘इंडिया एट द रेट 100: एनविजनिंग टुमॉरोज इकोनॉमिक पावरहाउस’ के विमोचन के दौरान कही।

उन्होंने यहां ‘अमेरिका भारत रणनीतिक एवं भागीदारी मंच’ (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘अमेरिकी निवेशकों के लिए जो अवसर उपलब्ध हैं, वे वास्तव में अभूतपूर्व हैं….मुझे नहीं लगता कि कोई अन्य अर्थव्यवस्था अगले 20 से 25 साल में इस तरह के लाभ दे पाएगी।’’

शीर्ष अर्थशास्त्री ने कहा कि भारत पर नजर रखने वाले निवेशकों के पास ‘‘वास्तव में अपने पैसे को दोगुना नहीं बल्कि तिगुना करने का अवसर है।’’

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके सुब्रमण्यन ने कहा, ‘‘उनके पास अपने पैसे को 15 से 20 गुना बढ़ाने का अवसर है।’’

सुब्रमण्यन ने अपनी पुस्तक में बताया है कि किस प्रकार भारत में 25 साल से भी कम समय में 55 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है तथा इसके लिए उसे अर्थव्यवस्था में पुरजोर सुधार करना होगा तथा 2014 के बाद क्रियान्वित की गई ठोस नीतियों पर दोगुना जोर देना होगा।

सुब्रमण्यन ने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे भारतीय बैंक खातों में अपना पैसा जमा करें क्योंकि इससे उन्हें अमेरिकी बैंक की तुलना में कहीं अधिक लाभ मिल सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत में वेतन वृद्धि अमेरिका की अपेक्षा कहीं अधिक होने वाली है।

सुब्रमण्यन ने सवालों का जवाब देते हुए विश्वास जताया कि 2047 में जब देश अपनी आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा, तब भारतीय अर्थव्यवस्था आसानी से 55 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को छू लेगी।