भारत ने बहुत बहादुरी दिखाई…उन्होंने पहले बल्लेबाजी की, अश्विन को नहीं खिलाया: कुक

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लंदन, तीन दिसंबर (भाषा) इंग्लैंड के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों मे शामिल एलिस्टेयर कुक का मानना ​​है कि रविचंद्रन अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ी के बिना खेलना और ऑस्ट्रेलिया में बेहद दबाव वाली श्रृंखला के पहले टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करना इस बात का प्रतीक है कि भारतीय टीम साहसी और किसी भी परिस्थिति में जीतने की अपनी क्षमता को लेकर बेहद आश्वस्त है।

पूर्व कप्तान और टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाले इंग्लैंड के पहले खिलाड़ी कुक ने पर्थ में पहले टेस्ट में सिर्फ 150 रन पर ढेर होने के बाद भारत की जोरदार वापसी की सराहना की।

कुक ने ‘टीएनटी स्पोर्ट्स’ पर कहा, ‘‘मैंने सोचा कि भारत बहुत साहसी है। वे टॉस जीतते हैं और उस विकेट पर बल्लेबाजी करते हैं, आप देखते हैं कि भले ही उन्होंने सिर्फ 150 रन बनाए, फिर भी वे सोचते हैं ‘हम ऑस्ट्रेलिया को वहां पर हराएंगे। हम जानते हैं कि यह कठिन होने वाला है लेकिन हमें लगता है कि यह केवल दोनों टीम के लिए कठिन होगा’।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अधिकांश कप्तान पहले गेंदबाजी करते, निश्चित रूप से करते और शायद खराब परिणाम का सामना करते जैसा कि आमतौर पर ऑस्ट्रेलिया में होता है। लेकिन भारत ने शानदार तरीके से इसका सामना किया। यह एक शानदार प्रदर्शन था।’’

कुक ने कहा, ‘‘150 रन पर आउट होने के बाद आपको लगता है कि हम यहां संघर्ष कर रहे हैं लेकिन जब आपके पास इस तरह के विकेटों पर नई गेंद के साथ बूमर (जसप्रीत बुमराह) हो तो वापसी हो सकती है, वह हमेशा शानदार प्रदर्शन करता है और टीम उसका समर्थन करती है।’’

रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में टीम की कप्तानी करते हुए तेज गेंदबाज बुमराह ने पहली पारी में पांच विकेट सहित मैच में आठ विकेट चटकाए और भारत को यादगार जीत दिलाई।

सीनियर ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को एकादश से बाहर रखने के फैसले पर कुक ने कहा, ‘‘जरा सोचिए कि वे कितने बहादुर थे? उन्होंने अश्विन को नहीं खिलाया जिसने 500 टेस्ट विकेट लिए हैं। मुझे लगा कि अश्विन बेहतरीन होंगे लेकिन आप जानते हैं, उनकी सोच शानदार थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘और क्या यह देखना अच्छा नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया को हराया गया?’’

कुक ने सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की तारीफ की जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजी आक्रमण पर दबदबा बनाया।

श्रृंखला के पहले मैच की पहली पारी में अपना खाता खोलने में विफल रहने के बाद जायसवाल ने परिस्थितियों के साथ खूबसूरती से तालमेल बिठाया और दूसरी पारी में शानदार 161 रन की पारी खेली जो ऑस्ट्रेलियाई धरती पर उनका पहला शतक था।