नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने सोमवार को भारत में, देश तथा दुनिया के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) विकसित करने पर जोर दिया और कहा कि देश एआई क्रांति के लिए तैयार है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री प्रसाद ने ‘इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम’ (आईआईजीएफ) 2024 में कहा कि भारत न केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि एक जीवंत डिजिटल अर्थव्यवस्था भी है जो नवाचार एवं समावेशिता के लिए नए मानक स्थापित कर रही है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में चर्चाएं न केवल ‘इंटरनेट गवर्नेंस’ की चुनौतियों के समाधान पर बल्कि परिवर्तनकारी समाधान तलाशने पर भी केंद्रित होनी चाहिए।
मंत्री ने कहा, ‘‘ कृत्रिम मेधा इन परिवर्तनकारी समाधानों का आधार है। हमारा दृष्टिकोण भारत में एआई बनाना और एआई को भारत के लिए उपयोगी बनाना है, साथ ही सभी के लिए एआई बनाना है। आज, भारत एक परिवर्तनकारी एआई क्रांति के लिए तैयार है।’’
प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ पहले मानव सभ्यताएं नदियों तथा महासागरों के आसपास आधारित बसीं थीं, बाद में राजमार्गों के आसपास… आज की सभ्यताएं ‘फाइबर ऑप्टिक केबल’ के ईद-गिर्द आधारित होंगी, यही इंटरनेट है।’’
उन्होंने कहा कि आज इंटरनेट महज सम्पर्क का साधन नहीं है, बल्कि अर्थव्यवस्थाओं, समाजों तथा व्यक्तिगत आकांक्षाओं की बुनियाद है।
प्रसाद ने कहा, ‘‘ भारत ने सभी के लिए एक खुले, स्वतंत्र तथा सुरक्षित डिजिटल और प्रौद्योगिकी भविष्य में वैश्विक साझा सिद्धांतों को स्थापित करने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता का लगातार परिचय दिया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रस्तावित ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट (जीडीसी) को आकार देने में इसकी भागीदारी महत्वपूर्ण बनी हुई है।’’
मंत्री ने साथ ही हरित तथा टिकाऊ इंटरनेट के निर्माण की वकालत करते हुए कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था का तीव्र विकास पर्यावरणीय चुनौतियों के साथ आता है, जैसे डेटा केंद्रों और ‘इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट’ की उच्च ऊर्जा खपत।
उन्होंने हितधारकों से अपनी डिजिटल रणनीतियों में स्थिरता को एकीकृत करने का आग्रह किया।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया द्वारा आईआईजीएफ 2024, नौ-10 दिसंबर को आयोजित किया जा रहा है।