साइबर धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता बढ़ाएं, धोखाधड़ी वाले खातों की पहचान में हो तेजी: आरबीआई रिपोर्ट

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मुंबई, 30 दिसंबर (भाषा) बढ़ते डिजिटल लेनदेन के बीच साइबर धोखाधड़ी के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने और गड़बड़ी करने के इरादे से खोले गये खातों की पहचान करने के प्रयासों में तेजी लाने की जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सोमवार को जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में यह कहा गया है।

रिपोर्ट (एफएसआर) के दिसंबर संस्करण में कहा गया है कि डिजिटल लेनदेन बढ़ने के साथ, साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं हाल के दिनों में बढ़ी हैं। इसमें नए-नए तरीकों का उपयोग किया जा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इन धोखाधड़ी के कारण वित्तीय नुकसान के साथ लोगों को भावनात्मक स्तर पर काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसको देखते हुए यह जरूरी है कि विनियमित संस्थान (आरबीआई के दायरे में आने वाले संस्थान) जनता को ऐसी धोखाधड़ी के बारे में सावधान करने के लिए व्यापक स्तर पर एहतियाती जागरूकता कदम उठाए। साथ ही फर्जीवाड़े के इरादे से खाले गये खातों (म्यूल एकाउंट) की पहचान के लिए प्रयासों को तेज किया जाए।’’

‘भारत में बैंकिंग की प्रवृत्ति और प्रगति 2023-24’ पर आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंक धोखाधड़ी मामलों की संख्या सालाना आधार पर बढ़कर 18,461 हो गयी। साथ ही इसमें शामिल राशि आठ गुना होकर 21,367 करोड़ रुपये पहुंच गयी।

वहीं एक साल पहले 2,623 करोड़ रुपये के 14,480 मामले सामने आए थे।

वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के अनुसार, नियामक पहल के तहत वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा और मजबूती पर ध्यान दिया जाता रहा है।

साइबर स्तर पर मजबूती, धोखाधड़ी की रोकथाम और ग्राहक सुरक्षा पर जोर देने के साथ वित्तीय मध्यस्थों और बाजार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने को लेकर प्रयास किए गए हैं।

इसमें कहा गया है कि नियामक वित्तीय प्रणाली की मजबूती को और सुदृढ़ करने के लिए बदलते वित्तीय माहौल को अपनाते हुए सतर्क और जवाबदेह बने हुए हैं।

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