पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने एनएचआरसी अध्यक्ष पद के लिए नाम पर विचार किए जाने संबंधी खबरों का खंडन किया

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नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम पर विचार किए जाने की मीडिया में आई खबरें ‘‘गलत’’ हैं।

देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश रहे चंद्रचूड़ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह सच नहीं है। फिलहाल मैं सेवानिवृत्त होने के बाद की जिंदगी का आनंद ले रहा हूं।’’

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 10 नवंबर को अपने पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

एनएचआरसी अध्यक्ष का पद उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा के एक जून को अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद से रिक्त पड़ा है।

सूत्रों ने बताया कि 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति ने एनएचआरसी के अगले अध्यक्ष का चयन करने के लिए बैठक की थी। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शामिल हुए थे।

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मिश्रा ने जून, 2021 में नियुक्त होने के बाद एनएचआरसी के आठवें अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

एनएचआरसी को नियंत्रित करने वाले कानून के अनुसार, एनएचआरसी के अध्यक्ष का चयन करने वाली समिति का नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं। इस समिति में लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय गृह मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता तथा राज्यसभा के उपसभापति भी सदस्य होते हैं।

न्यायमूर्ति मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद एनएचआरसी की सदस्य विजया भारती सयानी इसकी कार्यवाहक अध्यक्ष बनीं।

चयन समिति की सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश या शीर्ष न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को एनएचआरसी का अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है।

पूर्व प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू और के जी बालाकृष्णन अतीत में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं।

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