डाइट हमारे स्वास्थ्य को तो प्रभावित करती है पर सही डाइट लेकर हम अपनी नकारात्मक भावनाओं पर भी विजय पा सकते हैं। थकान, वजन पर नियंत्राण और स्वास्थ्य में सुधार तो हम सही डाइट लेकर पा लेते हैं पर यह भी सच है कि अगर हम अपने शरीर को सही पोषण दें तो अपने मानसिक स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं और हम अच्छा महसूस कर सकते हैं। हमारा मूड भी अच्छा बन सकता है, आइए जानें कैसेः-
दालें, राजमा, नट्स, मछली, मीट, अंडे, दूध व अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स, ताजे फल व सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें। इनमें एंटी आक्सीडेंट विटामिन ए, बैटा केरोटीन, विटामिन सी ई, सेलेनियम, जिंक, कापर आदि होते हैं जो तनाव दूर करने में सहायक हैं।
अनाज, पास्ता, सूखे बीन्स, नट्स, व्हाइट राइस, दूध, फल व सब्जियों में बी-काम्पलेक्स विटामिन जैसे नाइसीन, थाइमीन, रिबोफ्लेविन, कोबालामिन होते हैं जो मस्तिष्क के सही कार्यकलाप में सहायक होते हैं। रक्तचाप में सुधार लाते हैं और जो भोजन हम करते हैं, उसे एनर्जी में बदलते हैं ताकि मस्तिष्क उसका प्रयोग कर सके। मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर्स के कार्यकलाप में सुधार लाकर हमारे सोचने, समझने व सीखने की क्षमता में सुधार लाते हैं।
अगर आप थका-थका महसूस कर रहे हैं और अपने में एनर्जी चाहते हैं तो हरी सब्जियां, मटर, सीताफल, ब्रोकली का सेवन करें और इंस्टेट एनर्जी पाएं क्योंकि ये मिनरल का अच्छा स्रोत है। इनमें आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे मिनरल पाए जाते हैं जो थकावट दूर कर आपके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं।
मासिक धर्म के दौरान महिलाएं थका-थका, महसूस करती हैं और उनका मन भी उदास रहता है। इन दिनों दूध, चीज़, बटर मिल्क, ब्रोकली, सूखे मेवे आदि का सेवन करें। ये कैल्शियम का अच्छा स्रोत होते हैं और आपकी हडिड्यों के स्वास्थ्य में सुधार लाते हुए आपके मस्तिष्क को भी शांत रखते हैं।
अगर आप दुखी, उदास या किसी पशोपश में हैं तो अपने मन को खुश करने के लिए मीट, सी फूड, केला, पालक व हरी सब्जियां लें। इनमें मैग्नीशियम होता है जो आपको इन नकारात्मक भावनाओं से बाहर निकालने में मददगार सिद्ध हो सकता है।
अगर आप चिड़चिड़ापन महसूस कर रहे हैं व गुस्सा होने की स्थिति में हैं तो फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे चुकंदर, बंदगोभी, फल व सब्जियां आदि।
आप अपने प्रतिदिन के कार्य में स्ट्रेस महसूस करते हैं और स्ट्रेस के कारण कमजोरी भी हो तो अपनी ईटिंग हैबिट्स में परिवर्तन लाइए। दिन में तीन बार भोजन करने के स्थान पर-बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन लें।
आपके आक्रामक रवैय्ये का कारण आपके द्वारा अधिक चाय, काफी या कोला पेयों का सेवन हो सकता है और अगर आप अल्कोहल, तम्बाकू व धूम्रपान के शौकीन हैं तो आप में आक्रामक होने की संभावना और बढ़ जाती है।
अगर आप मीट की बहुत अधिक मात्रा का सेवन कर रहे हैं तो आपके निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो रही है और आपकी कुशलता में कमी आ रही है। आप घबराहट भी महसूस कर सकते हैं इसलिए अधिक मात्रा में मीट का सेवन न करें।
खाना खाते समय अगर माहौल अच्छा नहीं है तो आपको पाचन संबंधी शिकायतों का सामना करना पड़ सकता हैं, इसलिए स्ट्रेस भरे माहौल में भोजन न करें।
वसा का सेवन आज एक हौवा सा बन गया है और हर व्यक्ति इसे अपने से दूर रख रहा है परन्तु शारीरिक व मानसिक कार्यकलापों के लिए कुछ मात्रा में वसा का सेवन आवश्यक है। सेक्स हार्मोन्स की उत्पति के लिए भी वसा आवश्यक है। सेक्स हार्मोन्स व्यक्ति के व्यवहार को प्रभावित करते हैं और हार्मोन संतुलन के लिए वसा का सेवन आवश्यक है। सनफ्लावर, सोयाबीन, आलिव आयल का सेवन करें।
इसके अतिरिक्त नियमित व्यायाम डिप्रेशन दूर करने, मूड में सुधार लाने और कई प्रकार के रसायनों की शरीर में उत्पत्ति के लिए फायदेमंद है। इसे भी अवश्य नियमित करें।