मनमोहन सिंह की सबसे बड़ी विरासत एकजुट भारत के लिए किया गया उनका प्रयास है: फारूक अब्दुल्ला

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श्रीनगर, 27 दिसंबर (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उनकी सबसे बड़ी विरासत यह थी कि उन्होंने भारत को एकजुट रखने और पूरे देश में प्यार फैलाने की कोशिश की।

सिंह के कैबिनेट सहयोगी रहे अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से यहां कहा, ‘‘सिंह एक उत्कृष्ट अर्थशास्त्री थे। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि उन्होंने भारत को एकजुट रखने की कोशिश की। उन्होंने अर्थव्यवस्था को खोला। आज, जब हम एक ‘ट्रिलियन’ डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात करते हैं, तो यह सिंह के कारण है।’’

दूसरी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री रहे अब्दुल्ला ने कहा कि सिंह पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहते थे और ‘भगवान ने चाहा तो वह समय आएगा’।

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी और नरसिम्हा राव के शासन के दौरान अर्थव्यवस्था को खोला गया था और आज हम खुशी से देख सकते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था प्रगति कर रही है।

अब्दुल्ला ने कहा कि वर्तमान सरकारों और भावी सर कारों को सिंह के उदाहरण से कुछ सीखना चाहिए।

उन्होंने कहा , ‘‘मैं उनके मंत्रिमंडल में मंत्री था और भारत में पहली बार किसी ने नवीकरणीय ऊर्जा को मान्यता दी। अपने परिवार और अपनी पार्टी की ओर से, मैं सिंह को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और आशा करता हूं कि हम और अन्य लोग उनके द्वारा छोड़े गए अधूरे काम को पूरा करेंगे और भाईचारा के साथ इस देश को आगे ले जाएंगे।’’

अब्दुला ने कहा, ‘‘ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह उनकी पत्नी और बच्चों को यह दुख सहन करने की क्षमता दें। उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि देश के लिए किया गया सिंह का त्याग कभी व्यर्थ नहीं जाएगा।’’

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