आबकारी नीति: दिल्ली उच्च न्यायालय 30 जनवरी को केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगा

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नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर 30 जनवरी, 2025 को सुनवाई करेगा।

न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी को ईडी के वकील ने सूचित किया कि अतिरिक्त महाधिवक्ता एस. वी. राजू शुक्रवार को दलीलें पेश करने वाले थे, लेकिन वह आज उपलब्ध नहीं थे।

अदालत ने केजरीवाल के वकील के अनुरोध पर मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी को तय की है, जबकि पहले इसे 19 फरवरी, 2025 के लिए सूचीबद्ध किया गया था।

केजरीवाल के वकील ने ईडी के स्थगन के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा, ‘‘यहां एक व्यक्ति है, जिनके चुनाव जनवरी में होने वाले हैं और वह इस मामले पर बहस करने के लिए दूसरे पक्ष का अंतहीन इंतजार कर रहे हैं।’’

अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की इसी तरह की याचिका पर भी 30 जनवरी, 2025 को सुनवाई तय की है।

केजरीवाल और सिसोदिया दोनों ने निचली अदालत के आदेश को खारिज करने का अनुरोध किया है और दलील दी है कि निचली अदालत ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाये जाने की मंजूरी के अभाव में आरोपपत्र पर संज्ञान लिया, जो कानून में अनिवार्य है, क्योंकि कथित अपराध के समय वे लोक सेवक थे।

ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हालांकि कहा था कि केजरीवाल पर मुकदमा चलाये जाने के लिए मंजूरी मिल गई है और वह एक हलफनामा दायर करेंगे।

ईडी ने केजरीवाल की याचिका पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है।

आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के निचली अदालत के नौ जुलाई के आदेश को रद्द करने के अनुरोध के अलावा केजरीवाल ने मामले में सभी कार्यवाही रद्द किये जाने की भी अपील की।

याचिका में कहा गया है कि केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाना कानून की नजर में गलत है, क्योंकि इसमें सीआरपीसी की धारा 197 के तहत अनिवार्य मंजूरी नहीं है, जबकि आरोप उनके द्वारा किए गए आधिकारिक कार्यों से संबंधित हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल को जारी समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर 12 नवंबर को ईडी से जवाब मांगा था।

उच्च न्यायालय ने आपराधिक मामले में मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

केजरीवाल को धनशोधन मामले में 12 जुलाई को उच्चतम न्यायालय ने अंतरिम जमानत दे दी थी, जबकि शीर्ष अदालत ने उन्हें 13 सितंबर को सीबीआई मामले में जमानत पर रिहा कर दिया था।

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