बेलगावी (कर्नाटक), 20 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधान पार्षद सी.टी. रवि पर पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी में किसी और का हस्तक्षेप होने से शुक्रवार को इनकार किया।
रवि पर मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्द के इस्तेमाल का आरोप है।
रवि को ‘‘बड़बोला’’ करार देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि वह पहले भी कई लोगों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं।
शिवकुमार ने थाने में भाजपा नेताओं की रवि से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘क्या वे खानपुर पुलिस थाने में भाजपा की बैठक करने जाएंगे?…पुलिस ने उनके प्रति बेहद विनम्र रवैया अपनाया है। पुलिस का यह आचरण भी सही नहीं है। पुलिस ने बैठक की इजाजत कैसे दी? किसी भी चीज में हमारा हाथ नहीं है।’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘परिवार के सदस्य अथवा एक या दो ही लोग जाकर मिल सकते हैं, लेकिन वे लोग (पुलिस थाने के) अंदर जमावड़ा लगा रहे थे…तो फिर उन्हें (रवि को) मारने की साजिश रचने का यह आरोप क्यों है?’’
रवि ने पुलिस पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस ने उन्हें पूरी रात जिले के विभिन्न स्थानों पर घुमाया।
उन्होंने दावा किया कि पुलिस ऐसे काम कर रही है, मानो उसे ‘‘ऊपर’’ से निर्देश मिल रहे हों। उन्होंने राज्य सरकार और प्रशासन पर निशाना साधते हुए इसे ‘‘तानाशाही’’ रवैया बताया।
उपमुख्यमंत्री ने रवि के खिलाफ हेब्बालकर के समर्थकों के गुस्से को ‘‘स्वाभाविक’’ बताते हुए कहा, ‘‘उनकी नेता, उनकी बेटी का अपमान किया गया है। भाजपा अब विरोध क्यों कर रही है? इसलिए न कि उन्हें लग रहा है कि उनके नेता के साथ गलत हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह उनके (रवि के) लिए कोई नयी बात नहीं है। उन्होंने पहले भी कई लोगों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है…उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को सिद्धरमुल्ला खान तक कह दिया था…यही उनकी सभ्यता है।’’
मंत्री हेब्बालकर द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर भाजपा नेता के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 75 (यौन उत्पीड़न) और 79 (किसी महिला की शील भंग करने के इरादे से अपशब्द बोलना, इशारे करना या कृत्य) के तहत बृहस्पतिवार को मामला दर्ज किया गया।
बृहस्तपतिवार को जब सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित हुई तो रवि ने विधान परिषद में हेब्बालकर के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया।
शिवकुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर मीडिया के पास परिषद के अंदर की घटना का ऑडियो/वीडियो नहीं है तो वह इसे जारी करेंगे।