उप्र के धार्मिक स्थलों में नए साल के जश्न के लिए श्रद्धालुओं की भीड़

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अयोध्या/मथुरा/वाराणसी, 31 दिसंबर (भाषा) नए वर्ष के आगमन में अब कुछ ही घंटे शेष हैं और इसके जश्न के लिए उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों… अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।

सुरक्षा उपायों और विस्तृत भीड़ प्रबंधन योजनाओं के साथ, भगवान राम की जन्मभूमि से जुड़ा पवित्र शहर अयोध्या 2025 की आध्यात्मिक शुरुआत के लिए मंदिरों और पवित्र स्थलों पर आने वाले तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ को समायोजित करने के लिए तैयार हैं।

नए साल से पहले अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है, खासकर नवनिर्मित राम मंदिर में भगवान राम का आशीर्वाद लेने के लिए हजारों लोग आ रहे हैं।

अयोध्या और पास के फैजाबाद में होटल पूरी तरह से आरक्षित हो चुके हैं और मंदिर ट्रस्ट ने अपेक्षित भीड़ को प्रबंधित करने के लिए दर्शन का समय बढ़ा दिया है।

एक होटल के मालिक अंकित मिश्रा ने कहा, “हम श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए तैयार हैं और हमारे सभी कमरे 15 जनवरी तक आरक्षित हैं।”

हिंदू नववर्ष मार्च-अप्रैल के आसपास मनाया जाता है, लेकिन कई श्रद्धालु अंग्रेजी कैलेंडर वर्ष के पहले दिन रामलला के दर्शन करते हैं।

स्थानीय पुजारी रमाकांत तिवारी ने बताया, “कई लोग भगवान राम के आशीर्वाद के साथ वर्ष की शुरुआत करना चाहते हैं।”

राम मंदिर में भगवान राम के बाल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, 2025 पहला नववर्ष है, जो इसे महत्वपूर्ण अवसर बनाता है। अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजकरण नैयर ने राम मंदिर, हनुमानगढ़ी और गुप्तार घाट जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने की पुष्टि की है।

भगवान शिव की आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में इस नववर्ष में बड़ी संख्या में आगंतुकों के आने की उम्मीद है। इसे ध्यान में रखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर ने 31 दिसंबर से एक जनवरी तक “स्पर्श दर्शन” पर प्रतिबंध लगा दिया है। आगंतुकों को दूर से ही भगवान के दर्शन करने की अनुमति होगी।

शहर की पुलिस ने व्यापक सुरक्षा उपाय लागू किए हैं, जिसमें अस्सी घाट और संकट मोचन मंदिर सहित प्रमुख स्थानों पर 45 ड्यूटी पॉइंट बनाए गए हैं।

काशी जोन के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) गौरव बंसल ने पुष्टि की कि प्रमुख स्थानों पर एनडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की टीमें तैनात की गई हैं। अनुमानित पांच से सात लाख आगंतुकों के साथ, मंदिर क्षेत्र को पाँच सेक्टरों में विभाजित किया गया है, और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 12 त्वरित प्रतिक्रिया दल तैयार हैं।

मथुरा-वृंदावन में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है। मंदिर के अधिकारियों ने बुजुर्गों, बीमारों और बच्चों से भीड़भाड़ वाले समय में मंदिर में आने से बचने का आग्रह किया है। बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधक मुनीश शर्मा ने कहा, “हम श्रद्धालुओं को असुविधा से बचने के लिए दर्शन करने से पहले भीड़ का आकलन करने की सलाह देते हैं।”

मंदिर ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सख्त वन-वे प्रवेश और निकास प्रणाली लागू की है। सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है और वृंदावन में भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिरों तक दर्शनार्थियों को ले जाने के लिए ई-रिक्शा शुरू किए गए हैं।

पुलिस ने सुगम आवागमन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बैरियर लगाए हैं और अधिकारियों को तैनात किया है। साथ ही विभिन्न मार्गों से आने वाले दर्शनार्थियों के लिए विशेष पार्किंग व्यवस्था की गई है।

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