कोलकाता, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सोमवार को जादवपुर विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति भास्कर गुप्ता को पत्र लिखकर 24 दिसंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह को ‘अवैध’ करार दिया और विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सभी नियमों का पालन करने का निर्देश दिया।
राजभवन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बोस ने पत्र में कहा चूंकि नियमित कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है इसलिए दीक्षांत समारोह को नये कुलपति के लिए छोड़ देना सबसे अच्छा होगा।
राजभवन के अधिकारी ने पत्र का हवाला देते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “24 दिसंबर को आयोजित किये जाने वाले दीक्षांत समारोह में कई नियमों और कानूनों का उल्लंघन किया गया है और यह ‘अवैध’ है। अंतरिम कुलपति की गैरकानूनी कार्रवाइयों से अनावश्यक मुकदमेबाजी हो सकती है, जिससे दी गई उपाधियों की वैधता प्रभावित हो सकती है और इससे छात्र समुदाय के हित प्रभावित हो सकते हैं। कुलपति जादवपुर विश्वविद्यालय के असंख्य छात्रों के भाग्य को लेकर बहुत चिंतित हैं।”
जादवपुर विश्वविद्यालय में 17 दिसंबर को हुई कार्यकारी बैठक के बाद दीक्षांत समारोह 24 दिसंबर को आयोजित करने का निर्णय लिया गया था।
अधिकारी ने दावा किया कि जादवपुर विश्वविद्यालय अधिनियम, 1981 के अनुसार, विश्वविद्यालय का वार्षिक दीक्षांत समारोह कुलाधिपति की मंजूरी से कार्यकारी परिषद द्वारा तय की गई 24 दिसंबर या किसी अन्य तारीख को आयोजित किया जा सकता है।
पत्र के मुताबिक, “यह ध्यान देने योग्य है कि 17 दिसंबर को कार्यकारी परिषद की बैठक जल्दबाजी में बुलाई गई थी, जिसमें 24 दिसंबर को दीक्षांत समारोह आयोजित करने की तिथि प्रस्तावित की गई। इसे चूक को छिपाने के लिए की गई अनुचित जल्दबाजी के रूप में देखा जा सकता है।”