आने वाली पीढ़ियों के लिए संविधान को मजबूत किया जाए : शिवसेना सांसद देवड़ा

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नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने सोमवार को राज्यसभा में सभी राजनीतिक दलों से आने वाली पीढ़ियों के लिए संविधान को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि इसके लिए यह भी जरूरी है कि पार्टियों में आतंरिक लोकतंत्र कायम किया जाए।

‘भारतीय संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर उच्च सदन में दो दिवसीय चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना के मिलिंद देवड़ा ने कहा कि संविधान लागू होने के 65 वर्ष बाद देश में संविधान दिवस मनाना शुरू हुआ है।

उन्होंने कहा कि संविधान दिवस मनाने से देश की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को उन मूल्यों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी मिलेगी जो संविधान में शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने से पूरे भारत में संविधान लागू हो पाया है।

देवड़ा ने कहा कि आज जीएसटी (माल एवं सेवा कर) परिषद में सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व है और इन राज्यों की राय लेकर ही फैसले किए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने वाला कानून पारित करने से देश का संविधान और मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में आज जिस प्रकार डिजिटल क्रांति आई है और प्रौद्योगिकी का उपयोग हो रहा है, संविधान निर्माताओं ने उसके बारे में भले ही परिकल्पना न की होगी किंतु वे इससे प्रसन्न अवश्य हो रहे होंगे।

देवड़ा ने कहा कि यदि आज भारत में कोई राजनीतिक दल अपने भीतर लोकतंत्र नहीं ला पाता है तो वह देश में संविधान और लोकतंत्र को कैसे मजबूत करेगा? उन्होंने कहा कि कुछ दल एकाधिकार का बढ़-चढ़कर विरोध करते हैं किंतु वे अपने ही दल के भीतर एकाधिकार का विरोध नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता एवं जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान की ओर सदन का ध्यान दिलाया कि कुछ नेता चुनाव जीतने पर कुछ नहीं कहते हैं पर चुनाव हारने के बाद ईवीएम को दोष देने लगते हैं।

देवड़ा ने कहा कि जो लोग कागजी मतपत्र से चुनाव कराने की वकालत करते हैं, उन्हें यह बताना चाहिए कि जब पहले इनसे चुनाव करवाये जाते थे तो क्या बूथ नहीं लूटे जाते थे?

उन्होंने कहा कि आज हम सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए संविधान को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए अन्य बातों के साथ साथ राजनीतिक दलों में भी आतंरिक लोकतंत्र मजबूत किया जाना चाहिए।

चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भारत की आजादी के समय कई अन्य देश भी स्वतंत्र हुए किंतु इनमें अकेला भारत ही ऐसा देश है जो इतना मजबूत लोकतंत्र एवं गणतंत्र है।

उन्होंने कहा कि आज भारत में लोकतंत्र एवं गणतंत्र इतना मजबूत है तो उसके तमाम कारणों में से एक महात्मा गांधी एवं प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा किए गए प्रयास भी हैं।

सिंघवी ने कहा कि आज ‘न्यू इंडिया’ में भय का वातावरण बन गया है। उन्होंने कहा कि यदि आपातकाल के 18 महीने छोड़ दें तो देश में ऐसा भय का वातावरण कभी देखने को नहीं मिला।

उन्होंने कहा कि संघवाद देश के लिए विशेषकर क्षेत्रीय दलों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कांग्रेस ने कहा कि आजकल एक दक्षिणी, एक उत्तरी राज्य एवं एक पूर्वी राज्य में राज्यपाल द्वारा कुछ विधेयकों को मंजूरी देने में विलंब किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आजकल के कुछ राज्यपाल ‘सुपर सीएम’ बन गये हैं जिनके बारे में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कभी ऐसी परिकल्पना नहीं की थी।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सरकार सीबीआई और ईडी का दुरूपयोग कर रही है और ये एजेंसियां किसी के भी घर में घुस जाती हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के शासनकाल में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया ने अपनी निष्पक्षता को गंवा दिया है और वह ‘गोदी मीडिया’ में तब्दील हो गयी है।

सिंघवी ने कहा कि आपातकाल गलत था जिसे उनकी पार्टी ने कई बार स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि उस दौरान गलतियां हुईं। उन्होंने कहा कि किंतु आज जो अघोषित आपातकाल लगा हुआ है, उसकी कोई समय सीमा है कि नहीं और उस पर क्या संविधान नियंत्रण है।

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