दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि बेहतर रहने का भरोसाः आरबीआई गवर्नर

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मुंबई, छह दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को दूसरी छमाही में वृद्धि दर पहली छमाही के मुकाबले काफी बेहतर रहने का भरोसा जताया। चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर अनुमान में कटौती के बीच उन्होंने यह बात कही।

केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के अनुमान को काफी कम करके 6.6 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई ने पहले इसके 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।

वृद्धि अनुमान में कटौती दूसरी तिमाही में वृद्धि दर के सात तिमाहियों में सबसे कम 5.4 प्रतिशत पर आने के बाद की गई है। यह पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में दर्ज 6.7 प्रतिशत की वृद्धि से भी कम थी।

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

दास ने द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आने वाले समय में दूसरी छमाही चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही से बेहतर दिख रही है। दूसरी छमाही के बेहतर अनुमान बेहतर खरीफ उत्पादन, उच्च जलाशय स्तर और बेहतर रबी बुवाई पर आधारित है।

इसके अलावा आने वाले समय में औद्योगिक गतिविधि सामान्य होने और पिछली तिमाही के निचले स्तर से उबरने की भी उम्मीद है। मानसून से संबंधित व्यवधानों के बाद खनन और बिजली के भी सामान्य होने की उम्मीद है।

दास ने मुद्रास्फीति के संबंध में कहा कि इसे टिकाऊ वृद्धि को ध्यान में रखते हुए नीचे लाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “घोड़े (मुद्रास्फीति) ने सरपट भागने की पूरी कोशिश की है, हमारा प्रयास इसे कसकर बांधे रखना है। इसमें जल्दबाजी में प्रतिक्रिया करने की कोई गुंजाइश नहीं है। हमें कोई भी कार्रवाई करने से पहले अन्य साक्ष्यों की जरूरत है और कार्रवाई समय पर होनी चाहिए।”

दास ने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) मुद्रास्फीति और वृद्धि के बीच संतुलन लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि आरबीआई मुद्रास्फीति एवं वृद्धि के संतुलन को बहाल करने के लिए परिवेश बनाने को लेकर अपने विभिन्न नीतिगत साधनों का उपयोग करेगा।