चंडीगढ़, 24 दिसंबर (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्र से आग्रह किया कि वह अपनी ‘जिद’ छोड़कर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्य की सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बातचीत करे।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी बॉर्डर पर उस समय से डेरा डाले हुए हैं जब सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली कूच करने से रोक दिया था।
पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल केंद्र पर किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने के लिए 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।
अनशन के 27वें दिन रविवार को चिकित्सकों ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति को ‘गंभीर’ बताया था।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मान ने कहा कि केंद्र सरकार को अपनी ‘जिद’ छोड़नी चाहिए और किसान संगठनों के साथ बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मोदी जी(प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रुकवा सकते हैं, तो क्या वह दिल्ली से महज 200 किलोमीटर दूर बैठे किसानों से बात नहीं कर सकते? आप किस समय का इंतजार कर रहे हैं?’’
यहां छह से 14 दिसंबर के बीच 101 किसानों के जत्थे ने तीन बार दिल्ली कूच करने का प्रयास किया, लेकिन हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया।
मान ने 19 दिसंबर को भी केंद्र से आंदोलनकारी किसानों से बातचीत करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि यह केंद्र का कर्तव्य है और किसी भी मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है।