भारतीय परिवारों में रिश्ता करने से पहले लड़का-लड़की के गुण दिखाये जाते हैं। उनकी जन्मपत्रा मिलाई जाती है। जब उनके गुण और जन्मपत्रा मिल जाती है, तब अन्य बातें देखी जाती हैं जैसेः- लड़का-लड़की की जोड़ी मिलती है या नहीं? लड़का-लड़की की शिक्षा का स्तर समान है या नहीं? लड़का-लड़की के परिवारों के स्तर में लगभग समानता है या नहीं? इस तरह लड़की तथा लड़के के मां-बाप रिश्ता करने से पहले अनेक खोजबीन, जांच-पड़ताल करने के बाद ही लड़का-लड़की का रिश्ता करते हैं। रिश्ता करने से पहले एक अहम चीज है जिस तरफ न लड़की के माता-पिता और न ही लड़के के माता-पिता ध्यान देते हैं। आप कहेंगे ऐसी क्या चीज है जो नहीं दिखाई जाती। स्वास्थ्य यानी लड़का-लड़की का मेडिकल चेकअप कोई नहीं करवाता। यह कोई जानने का प्रयास नहीं करता कि लड़का-लड़की पूर्णतया स्वस्थ हैं या नहीं। शादी के बाद वे एक दूसरे को शारीरिक रूप से सन्तुष्ट रख सकते हैं या लड़का नामर्द तो नहीं है तथा लड़की बांझ तो नहीं है आदि। हम शादी से पहले अनेक चीजें देखते हैं। उसी तरह अगर शादी से पूर्व लड़के और लड़की दोनों का स्वास्थ्य परीक्षण भी करा लिया जाये तो यह दोनों के हित में रहेगा। स्वास्थ्य परीक्षण कराने से यह पता चल जायेगा कि लड़के या लड़की में कोई बीमारी तो नहीं है। इससे शादी के बाद कोई दिक्कत नहीं आयेगी। स्वस्थ लड़के से स्वस्थ लड़की की शादी करना दोनों के हित में रहेगा तथा उनका दांपत्य जीवन भी सुखी रहेगा।