वाशिंगटन, 10 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के पद के लिए नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पसंद तुलसी गबार्ड ने ‘कैपिटल हिल’ में प्रमुख सांसदों से मुलाकात की और सीरिया में असद सरकार के तख्तापलट के बीच रिपब्लिकन नेता के दृष्टिकोण का समर्थन किया।
डेमोक्रेट के रूप में आठ वर्षों तक सदन में हवाई का प्रतिनिधित्व करने वालीं 43 वर्षीय हिन्दू-अमेरिकी गबार्ड ने सोमवार को सांसदों से मुलाकात की।
गबार्ड ने अपने नामांकन पर शीर्ष अमेरिकी सांसदों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं सीरिया के घटनाक्रम के संबंध में पिछले कुछ दिनों में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा दिए गए बयानों का पूर्ण समर्थन करती हूं और उनसे पूरी तरह सहमत हूं।’’
‘वाशिंगटन पोस्ट’ की खबर के अनुसार, गबार्ड को सीरियाई शासन पर अपने विचारों के बारे में राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों और सांसदों की ओर से संदेह का सामना करना पड़ा है।
खबर के अनुसार, गबार्ड को 2017 की अपनी सीरिया यात्रा के बारे में सवालों का सामना करना पड़ सकता है, जहां उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति बशर असद से मुलाकात की थी।
सप्ताहांत में विद्रोही गुटों ने तख्तापलट कर सीरिया पर नियंत्रण हासिल कर लिया और बसर असद को देश छोड़कर जाना पड़ा है।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के पद पर नियुक्त किया है, जिन्होंने 2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी थी। यह एक ऐसा पद है जिसमें अत्यधिक गोपनीय खुफिया जानकारी तक उनकी पहुंच होगी तथा 18 जासूसी एजेंसियां उनकी निगरानी में होंगी।
यदि अमेरिकी सीनेट द्वारा गबार्ड की नियुक्ति पर मुहर लगी, तो वह सीआईए और एफबीआई सहित अमेरिका की सभी खुफिया एजेंसियों के प्रभारी शक्तिशाली निकाय का नेतृत्व करने वाली पहली हिंदू अमेरिकी होंगी।