बेंगलुरू, पांच दिसंबर (भाषा) भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम को जूनियर एशिया कप में खिताबी हैट्रिक के दौरान कुछ कड़े मुकाबलों का सामना करना पड़ा और अब खिलाड़ी अगले साल घरेलू मैदान पर होने वाले पुरुष विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
भारतीय टीम मस्कट के ओमान से बृहस्पतिवार को बेंगलुरू लौटी। टीम ने बुधवार को रोमांचक फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 5-3 से हराया।
इससे पहले टीम ने मुख्य कोच पीआर श्रीजेश के नेतृत्व में सुल्तान जोहोर कप में कांस्य पदक जीता था।
उप कप्तान रोहित ने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए बेहद गर्व का क्षण है और अब हम चेन्नई में होने वाले जूनियर विश्व कप का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस शानदार जीत में प्रत्येक खिलाड़ी ने योगदान दिया और हमारा सामूहिक प्रयास बेहद प्रेरणादायक रहा है। कठिन मुकाबलों, खासकर जापान और पाकिस्तान के खिलाफ, ने हमारी क्षमता की परीक्षा ली लेकिन हम एकाग्र रहे और अपनी रणनीति को अंजाम दिया।’’
पूल ए में शामिल भारत ने थाईलैंड, चीनी ताइपे और कोरिया पर एकतरफा जीत दर्ज की और फिर कड़े मुकाबले में जापान को 3-2 से हराया।
टीम ने ग्रुप चरण में शानदार प्रदर्शन करते हुए 38 गोल दागे और उसके खिलाफ सिर्फ तीन गोल हुए।
सेमीफाइनल में भारत ने मलेशिया को 3-1 से हराया जबकि फाइनल में अराइजीत सिंह हुंडल चार गोल करके कुल 10 गोल के साथ टूर्नामेंट के दूसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बने।
कप्तान आमिर अली ने भी टीम के दृढ़ संकल्प की सराहना की।
कप्तान ने कहा, ‘‘जूनियर एशिया कप में हमारा सफर असाधारण रहा। हर मैच ने अपनी चुनौतियां पेश कीं लेकिन हमारी टीम को दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत का फल मिला।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे फारवर्ड खिलाड़ियों ने असाधारण प्रदर्शन किया, लगातार विरोधी डिफेंस को ध्वस्त किया और गोल करने के अवसर बनाए। पांचवीं बार यह खिताब जीतना हमारी उत्कृष्टता की खोज और हमारे अविश्वसनीय प्रशंसकों के समर्थन का प्रमाण है।’’