लखनऊ/संभल, चार दिसंबर (भाषा) लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के पांच अन्य सांसदों के साथ बुधवार को हिंसा प्रभावित संभल का दौरा करेंगे। पुलिस और प्रशासन ने उन्हें जिले में पहुंचने से पहले ही रोकने के लिए तैयारी पूरी कर ली है।
वायनाड से नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा के भी प्रतिनिधिमंडल के साथ आने की संभावना है।
शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (निषेधाज्ञा) संभल में 31 दिसंबर तक लागू रहेगी। इसके साथ ही, संभल में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक शनिवार को खत्म हो रही थी जिसे जिलाधिकारी ने बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दिया है।
संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने मंगलवार को गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के पुलिस आयुक्तों और अमरोहा तथा बुलंदशहर जिलों के पुलिस अधीक्षकों को एक पत्र लिखा था जिसमें उनसे आग्रह किया गया कि वे संभल की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए राहुल गांधी को अपने जिलों की सीमाओं पर रोकें।
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने गांधी के दौरे पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था, ‘‘संभल में बीएनएसएस की धारा 163 पहले से ही लागू है। किसी भी बाहरी व्यक्ति को (संभल में प्रवेश करने की) अनुमति नहीं है। अगर वे आते हैं तो उन्हें नोटिस दिया जाएगा।’’
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पुलिस अपने संदेश में बीएनएसएस की धारा 163 का हवाला दे रही है, इसलिए हम आग्रह करेंगे कि वे कम से कम चार लोगों को अंदर जाने दें। अगर रोका गया तो हम राहुल जी, प्रियंका गांधी वाद्रा जी, उत्तर प्रदेश भारी प्रभारी अविनाश पांडे जी और खुद को अंदर जाने की अनुमति देने पर जोर देंगे।’’
कार्यक्रम के अनुसार, राहुल गांधी सुबह 10 बजे दिल्ली से संभल के लिए रवाना होंगे और 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। उसके बाद वह दिल्ली लौट जाएंगे।
संभल की एक अदालत ने 19 नवंबर को शहर के कोट पूर्वी मोहल्ले में स्थित मुगल कालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था और उसी दिन एक टीम ने वहां का सर्वेक्षण किया था। तभी से विवाद पैदा हो गया था।
उसके बाद 24 नवंबर को दोबारा सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश उस याचिका पर दिया है जिसमें दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद स्थित है वहां पहले कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।