नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने निर्वाचन आयोग के एक हालिया पत्र की भाषा और लहजे को लेकर सोमवार को उस पर निशाना साधा और सवाल किया कि आखिर यह संस्था असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास के खिलाफ कार्रवाई कब करेगी जो झारखंड विधानसभा चुनाव में ‘‘आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं।’’
रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से जुड़ी शिकायतों पर मुख्य विपक्षी दल को लेकर जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, वो किसी भी राजनीतिक दल के लिए नहीं की जा सकती।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी हार के बाद यह दावा किया था कि कई विधानसभा क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की बैट्री 99 प्रतिशत चार्ज थी और जहां ऐसा हुआ, वहां उसे हार का सामना करना पड़ा। इसको लेकर उसने निर्वाचन आयोग में शिकायत की थी। हालांकि आयोग ने उसकी शिकायतों को खारिज कर दिया था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे एक पत्र में आयोग ने कहा था कि इस तरह के “तुच्छ और बेबुनियाद” संदेह “अशांति” पैदा करने की क्षमता रखते हैं, खासकर मतदान और मतगणना जैसे महत्वपूर्ण चरण में, जब राजनीतिक दलों और जनता की बेचैनी चरम पर होती है।
रमेश ने सोमवार को कहा, ‘‘जिस भाषा और लहजे का इस्तेमाल किया गया वो ठीक नहीं है। ऐसा कहा गया कि हम आपसे मिले। क्या आपने (आयोग) हमसे मिलकर अहसान किया? यह तो आपका काम है। चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह राजनीतिक दलों से मिले और उन्हें सुने।’’
उन्होंने कहा कि किसी भी दल के खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
रमेश ने सवाल किया, ‘‘जो भाषा हिमंत विश्व शर्मा बोल रहे हैं, उसको लेकर कोई कार्रवाई करेंगे? ओडिशा के राज्यपाल के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो चुनाव प्रचार कर रहे हैं?’’
उन्होंने कहा कि इन दोनों के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कांग्रेस की तरफ से शिकायतें दर्ज करायी गई हैं।