वाशिंगटन, 11 नवंबर (भाषा) अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष भारतीय-अमेरिकी सहयोगी विवेक रामास्वामी ने अवैध शरणार्थियों को उनके देश वापस भेजने की योजना का समर्थन किया और कहा कि देश में कानूनी आव्रजन प्रणाली ‘‘चरमरा’’ गयी है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में प्रवेश करते वक्त कानून तोड़ने वाले लोगों को यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें वापस अपने देश जाना होगा।
उद्यमी से नेता बने रामास्वामी ने ‘एबीसी न्यूज’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘क्या हमारे पास एक चरमरायी हुई कानूनी आव्रजन प्रणाली है? हां, ऐसा ही है। लेकिन मुझे लगता है कि पहला कदम कानून व्यवस्था बहाल करना होगा, इसे बहुत ही व्यावहारिक तरीके से करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में जो लोग आये हैं, उन्होंने देश में जड़ें नहीं जमायी हैं। जिन लोगों ने भी अपराध किया है, उन्हें इस देश से बाहर जाना चाहिए। यानी लाखों की संख्या में। यह अपने आप में सबसे बड़ा सामूहिक प्रत्यर्पण होगा। इसके साथ ही सभी अवैध शरणार्थियों के लिए सरकारी सहायता बंद की जाएगी। आप देखेंगे कि लोग खुद देश छोड़कर चले जाएंगे।’’
पांच नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की शानदार जीत के बाद पहली बार रामास्वामी रविवार को कई मीडिया कार्यक्रमों में दिखायी दिए। उन्होंने बताया कि वह प्रशासन में अपनी भविष्य की भूमिका को लेकर उच्च स्तर पर बातचीत कर रहे हैं।
रिपब्लिकन पार्टी के प्राइमरी चुनाव में ट्रंप के प्रतिद्वंद्वी रहे रामास्वामी अब उनके कटु समर्थक एवं विश्वासपात्र बनकर उभरे हैं।
रामास्वामी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह (ट्रंप) देश को एकजुट करने के बारे में सोचते हैं। मुझे लगता है कि यही डोनाल्ड ट्रंप का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने पहले कार्यकाल से भी काफी कुछ सीखा है और मुझे लगता है कि वह दूसरे कार्यकाल में उन कुछ चीजों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने जा रहे हैं जिन्हें वह पहले कार्यकाल में हासिल नहीं कर पाए थे, जो मुझे लगता है कि यह एक अच्छी बात होगी।’’