वोट बैंक की राजनीति से दूर हैं, लोगों की प्रगति के लिए काम कर रहे हैं : प्रधानमंत्री मोदी

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नयी दिल्ली,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर वोट बैंक के लिए नीतियां बनाने को लेकर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य वोट बैंक की राजनीति से कोसों दूर है और वह जनता की, जनता द्वारा तथा जनता के लिए प्रगति के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है।

प्रधानमंत्री ने ‘एचटी लीडरशिप समिट’ को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने जो वोट बैंक की राजनीति की, उसका सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ कि देश में असंतुलित असमानता का दायरा बढ़ता गया।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सरकार में लोगों का विश्वास बहाल किया।

मोदी ने 90 के दशक को याद किया जब भारत में 10 साल में पांच चुनाव हुए थे। उन्होंने कहा कि देश में तब काफी अस्थिरता थी।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘विशेषज्ञों, अखबारों में लिखने वाले लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि भारत को ऐसे ही रहना पड़ेगा, भारत में सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा। लेकिन भारत के नागरिकों ने एक बार फिर ऐसे विशेषज्ञों को गलत साबित कर दिया।’’

मोदी ने कहा कि दुनियाभर में अनिश्चितता और अस्थिरता पर चर्चा हो रही है तथा कई देशों में हर चुनाव में सरकारें बदल जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में भारत के लोगों ने तीसरी बार उनकी सरकार को चुना है।

उन्होंने कहा, ‘‘पहले हम अक्सर एक मुहावरा सुनते थे ‘अच्छी अर्थव्यवस्था बुरी राजनीति है।’ विशेषज्ञ के तौर पर पहचाने जाने वाले लोग इसे खूब बढ़ावा देते थे। लेकिन इससे पहले की सरकारों को हाथ पर हाथ धरे बैठने का बहाना मिल जाता था। यह एक प्रकार से कुशासन, अकुशलता को छिपाने का माध्यम बन गया था।’’

उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले सरकारें बस चुनाव जीतने के लिए चलायी जाती थीं और चुनाव जीतने के लिए एक वोट बैंक बनाया जाता था तथा वोट बैंक को खुश करने वाली नीतियां बनायी जाती थीं।

मोदी ने कहा, ‘‘इस प्रकार की राजनीति से सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ कि देश में असंतुलित असमानता का दायरा बढ़ता गया। विकास के बोर्ड तो लगे लेकिन विकास नहीं दिखा। इस असंतुलित स्थिति, इस मॉडल ने सरकार पर से जनता का भरोसा तोड़ दिया। आज हमने वह विश्वास बहाल कर दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सरकार का उद्देश्य तय किया। यह उद्देश्य वोट बैंक की राजनीति से कोसों दूर है। हमारी सरकार का उद्देश्य बहुत बड़ा, व्यापक है। हम लोगों की प्रगति, लोगों द्वारा प्रगति और लोगों के लिए प्रगति के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य देश को विकसित बनाने के लिए एक नया भारत बनाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘और जब हमने इतना बड़ा लक्ष्य तय किया है तो भारत के लोगों ने भी हम पर भरोसा जताया है। आप कल्पना कर सकते हैं कि सोशल मीडिया, गलत सूचना, दुष्प्रचार के युग में, भारत के नागरिकों को हम पर, हमारी सरकार पर भरोसा है।’’

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने नागरिकों को निवेश के माध्यम से रोजगार और विकास के माध्यम से सम्मान का एक अनूठा संयोजन प्रदान किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार का दृष्टिकोण लोगों के लिए अधिक खर्च करना है और लोगों के लिए अधिक बचत करना है।’’ उन्होंने कहा कि यह सदी भारत की सदी होगी।

मोदी ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया और आयोजन स्थल पर ‘एचटी’ की एक प्रदर्शनी भी देखी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने उन दिनों के पुराने समाचार पत्र देखे जब भारत को आजादी मिली और कहा कि आजादी की लड़ाई के साथ-साथ आजादी के बाद के दौर में उम्मीदों के साथ आगे बढ़ने की एक अभूतपूर्व और अद्भुत यात्रा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने से लेकर आजादी के बाद आशाओं के अथाह समंदर की लहरों पर सवार होकर हम आगे बढ़े हैं। ये यात्रा अपने आप में अभूतपूर्व है, अद्भुत है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘मैंने अखबार की खबर में उस उत्साह को महसूस किया जो अक्टूबर 1947 में कश्मीर के विलय के बाद हर देशवासी में था। हालांकि उस पल मुझे इसका भी एहसास हुआ कि कैसे अनिर्णय की स्थितियों ने 7 दशक तक कश्मीर को हिंसा में घेर कर रखा।’’

उन्होंने कहा कि लेकिन यह खुशी की बात है कि इन दिनों जम्मू-कश्मीर में चुनावों में रिकॉर्ड मतदान की खबरें अखबारों में छप रही हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें एक और अखबार की प्रति काफी खास लगी जिसमें एक तरफ असम को अशांत क्षेत्र घोषित करने की खबर थी जबकि दूसरी तरफ अटल बिहारी वाजपेयी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नींव रखने का समाचार था।

उन्होंने कहा कि यह कितना सुखद संयोग है कि भाजपा आज असम में स्थायी शांति लाने में बड़ी भूमिका निभा रही है।

जोखिम लेने की महत्ता पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जोखिम लिए जिसने हमें भारतीय सामान तथा सेवाओं का विदेशों में प्रचार करने तथा भारत को विश्व के वाणिज्य एवं संस्कृति में प्रमुख स्थान दिलाने में मदद की।

उन्होंने कहा कि हालांकि, आजादी के बाद की सरकारों के कारण जोखिम लेने की यह संस्कृति खो गयी।

मोदी ने कहा कि भारत उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से पिछले 10 वर्ष में विकास और बदलाव देख रहा है और उनकी सरकार ने भारत के नागरिकों के बीच जोखिम लेने की संस्कृति को नयी ऊर्जा दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारा युवा हर क्षेत्र में जोखिम ले रहा है जो भारत में 1.25 लाख से अधिक स्टार्टअप के पंजीकरण से देखा जा सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय समाज अब अभूतपूर्व आकांक्षाओं से भरा है और हमने इन आकांक्षाओं को अपनी नीतियों का आधार बनाया है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रत्येक घर में गैस कनेक्शन देने को प्राथमिकता दी जबकि पिछली सरकारें लोगों को दिए जाने वाले सिलेंडर की संख्या पर बहस करती थी।

उन्होंने कहा कि 2014 में 14 करोड़ गैस कनेक्शन थे और आज 30 करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन हैं।

उन्होंने लोगों के लिए अधिक खर्च करने और लोगों के लिए अधिक बचत करने के सरकार के दृष्टिकोण के बारे में बताते हुए कहा कि भारत का केंद्रीय बजट आज 48 लाख करोड़ रुपये है जबकि 2014 में यह 16 लाख करोड़ रुपये था।

मोदी ने कहा कि आज का पूंजीगत व्यय 2013-14 के 2.25 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय नए अस्पतालों, विद्यालयों, सड़कों, रेलवे, अनुसंधान केंद्रों और कई ऐसे सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता पर बढ़ते व्यय के साथ ही सरकार जनता का पैसा भी बचा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) से जो लीकेज रुका है, उससे देश के 3.5 लाख करोड़ रुपये बचे हैं जबकि आयुष्मान भारत योजना के तहत निशुल्क इलाज से गरीबों के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये बचे हैं।

उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्रों पर 80 प्रतिशत की छूट के साथ दवाएं उपलब्ध होने से नागरिकों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है, जबकि स्टेंट और घुटना प्रतिरोपण की कीमतों पर लगाम लगाने से लोगों के हजारों करोड़ रुपये बचे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 10 साल पहले किसी ने भारत में इतने बड़े बदलावों की कल्पना नहीं की थी। उन्होंने कहा, ‘‘भारत की सफलता ने हमें बड़ा सोचने और उसे पूरा करने के लिए प्रेरित किया है।’’