छत्रपति संभाजीनगर, 30 नवंबर (भाषा) शिवसेना (उबाठा) नेता अंबादास दानवे ने शनिवार को कहा कि केवल उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ही यह तय कर सकते हैं कि वे दोनों हाथ मिलाना चाहते हैं या नहीं।
दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे की राजनीतिक स्थिति अस्पष्ट है और लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि वह राज्य सरकार का समर्थन कर रहे हैं या विरोध।
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष दानवे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हर चुनाव में हार के बाद ऐसी चर्चाएं होती हैं (कि ठाकरे भाइयों को एक साथ आना चाहिए)। चुनाव के नतीजे आने के बाद हर आठ या दस दिन में आपको ये चर्चाएं देखने को मिलेंगी। केवल वे (ठाकरे बंधु) ही तय कर सकते हैं कि वे (एक साथ आना) चाहते हैं या नहीं। हमारी कोई भूमिका नहीं है।’’
उद्धव खेमे के वफादार नेता माने जाने वाले दानवे ने कहा कि राज ठाकरे का राजनीतिक रुख स्पष्ट नहीं है।
दानवे ने कहा, ‘‘लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि राज ठाकरे का रुख सरकार के पक्ष में है या उसके खिलाफ। मनसे ने महायुति के खिलाफ उम्मीदवार उतारे, जबकि दूसरी ओर उन्होंने (राज ठाकरे ने) मुख्यमंत्री के रूप में (भाजपा के देवेंद्र) फडणवीस की वकालत की। उनके रुख में कोई स्पष्टता नहीं है।”