नकारात्मक नारा निराशा और नाकामी का प्रतीक है : अखिलेश

0

लखनऊ, दो नवंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे को लेकर परोक्ष रूप से भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि नकारात्मक नारा उनकी निराशा और नाकामी का प्रतीक है।

उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘देश के इतिहास में यह नारा ‘निकृष्टतम-नारे’ के रूप में दर्ज होगा और उनके राजनीतिक पतन के अंतिम अध्याय के रूप में आखिरी ‘शाब्दिक कील-सा’ साबित होगा।’’

सपा प्रमुख ने किसी का नाम लिए बगैर ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘उनका ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है। इस नारे ने साबित कर दिया है कि उनके जो गिनती के 10 प्रतिशत मतदाता बचे हैं अब वे भी खिसकने के कगार पर हैं, इसीलिए ये उनको डराकर एक करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन ऐसा कुछ होने वाला नहीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नकारात्मक-नारे का असर भी होता है, दरअसल इस ‘निराश-नारे’ के आने के बाद, उनके बचे-खुचे समर्थक ये सोचकर और भी निराश हैं कि जिन्हें हम ताकतवर समझ रहे थे, वो तो सत्ता में रहकर भी कमजोरी की ही बातें कर रहे हैं। जिस ‘आदर्श राज्य’ की कल्पना हमारे देश में की जाती है, उसके आधार में ‘अभय’ होता है; ‘भय’ नहीं। ये सच है कि ‘भयभीत’ ही ‘भय’ बेचता है क्योंकि जिसके पास जो होगा, वो वही तो बेचेगा।’’

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के इतिहास में यह नारा ‘निकृष्टतम-नारे’ के रूप में दर्ज होगा और उनके (भाजपा) राजनीतिक पतन के अंतिम अध्याय के रूप में आखिरी ‘शाब्दिक कील-सा’ साबित होगा।

सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘देश और समाज के हित में उन्हें अपनी नकारात्मक नजर और नजरिये के साथ अपने सलाहकार भी बदल लेने चाहिए, ये उनके लिए भी हितकर साबित होगा। एक अच्छी सलाह ये है कि ‘पालें तो अच्छे विचार पालें’ और आस्तीनों को खुला रखें, साथ ही बाँहों को भी, इसी में उनकी भलाई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सकारात्मक समाज कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!’’

अखिलेश का यह बयान ऐसे समय आया है जब उत्तर प्रदेश में होने जा रहे उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच है।

निर्वाचन आयोग ने 15 अक्टूबर को उप्र की नौ सीट पर उपचुनाव की घोषणा की थी, जिसमें अदालत में मामला लंबित होने के कारण मिल्कीपुर (अयोध्या) को छोड़ दिया गया था।

जिन सीट पर उपचुनाव की घोषणा की गई है, उनमें कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर नगर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं।

इनमें से आठ सीट लोकसभा चुनाव में संबंधित विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई थीं, जबकि सीसामऊ सीट पर सपा विधायक इरफान सोलंकी की अयोग्यता के कारण उपचुनाव हो रहा है, जिन्हें एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया था।

संबंधित सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा और चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी पर सपा का कब्जा था, जबकि भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर सीट पर जीत हासिल की थी। मीरापुर सीट रालोद के पास थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *