मैत्री फुटबॉल मैच में मलेशिया से भिड़ेगा भारत, नजरें साल की पहली जीत पर

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हैदराबाद, 17 नवंबर (भाषा) मुख्य कोच मनोलो मारक्वेज के नेतृत्व में पहली और साल की भी पहली जीत की तलाश में जुटी भारतीय फुटबॉल टीम सोमवार को यहां अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच में चिर-प्रतिद्वंद्वी मलेशिया से भिड़ेगी।

सीनियर खिलाड़ी और सेंट्रल डिफेंडर संदेश झिंगन की वापसी से भारत को मजबूती मिलेगी। वह पिछली बार जनवरी में एएफसी एशियाई कप में राष्ट्रीय टीम की ओर से खेले थे। वह घुटने की चोट से उबर चुके हैं।

भारतीय टीम ने 2024 में अब तक 10 मैच खेले हैं जिनमें से छह में उसे हार का सामना करना पड़ा और चार ड्रॉ रहे। टीम ने अब तक मनोलो के नेतृत्व में तीन मैच खेले हैं जिन्हें जुलाई में इगोर स्टिमक की जगह मुख्य कोच नियुक्त किया गया था। इसमें से एक मैच भारत ने गंवाया जबकि दो ड्रॉ रहे।

भारत ने सितंबर में गचीबाउली स्टेडियम में इंटरकांटिनेंटल कप में मॉरीशस के खिलाफ ड्रॉ खेला था और सीरिया से 0-3 से हार गया था। सोमवार को इसी स्टेडियम में मैच होगा। भारत ने 12 अक्टूबर को नाम दिन्ह में वियतनाम के खिलाफ अपना पिछला मुकाबला 1-1 से ड्रा खेला था।

अगर भारतीय टीम सोमवार को सकारात्मक परिणाम हासिल नहीं करती है तो वह 11 मैच में जीत के बिना साल का अंत करेगी। सोमवार का मैच अगले साल मार्च में होने वाले 2027 एशियाई कप क्वालीफायर से पहले भारत का आखिरी मैच भी हो सकता है।

भारत-मलेशिया की फुटबॉल प्रतिद्वंद्विता काफी पुरानी है। 1957 में कुआलालंपुर में एक दोस्ताना मैच में दोनों टीम पहली बार आपस में भिड़ी थी। भारत ने वह मैच 3-0 से जीता था। दोनों टीम अब तक 32 बार आपस में खेल चुकी हैं जिसमें मलेशिया ने पिछले साल के मर्डेका टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पिछला मुकाबला 4-2 से जीता था।

यह अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में किसी भी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ भारत द्वारा खेले गए सबसे अधिक मैच हैं। मलेशिया के बाद पाकिस्तान (29 मैच) और बांग्लादेश (28 मैच) का नंबर आता है।

भारत और मलेशिया ने अब तक 12-12 मैच जीते हैं जबकि आठ मैच ड्रॉ रहे हैं।

मौजूदा फीफा रैंकिंग में भी अधिक अंतर नहीं है। भारत 125वें जबकि मलेशिया 133वें स्थान पर है।

मलेशिया 14 नवंबर को मैत्री मैच में लाओस पर 3-1 से जीत के बाद इस मैच में उतरेगा।

भारत की मौजूदा टीम में पिछले महीने मर्डेका टूर्नामेंट के सेमीफाइनल मुकाबले में खेलने वाले नौ खिलाड़ी गुरप्रीत सिंह संधू, संदेश झिंगन, मेहताब सिंह, विशाल कैथ, नाओरेम रोशन सिंह, अमरिंदर सिंह, लिस्टन कोलासो, लालियानजुआला चांगटे और सुरेश सिंह वांगजाम शामिल हैं।

दूसरी ओर मलेशिया की 26 सदस्यीय टीम में से 14 पिछले साल टीम में थे। टीम के अधिकतर खिलाड़ी तीन क्लबों जोहोर दारुल ताजिम एफसी, तेरेंगानु एफसी और कुआलालंपुर सिटी एफसी की ओर से खेलते हैं।

भारत की तरह मलेशिया में भी पिछले साल से कोचिंग स्टाफ में बदलाव हुए हैं। मलेशिया के कोच पाउ मार्टी भी मनोलो की तरह स्पेन से हैं और बार्सीलोना में बिताए समय से एक-दूसरे को जानते हैं।

मनोलो की तरह मार्टी ने भी जुलाई में कार्यभार संभाला था जब मलेशिया फीफा विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहा था।