भारत आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए ‘सेंडाई फ्रेमवर्क’ के लिए प्रतिबद्ध: प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव

नयी दिल्ली, दो नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए ‘सेंडाई फ्रेमवर्क’ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की है और आपदा की स्थिति से निपटने के लिए अनुकूल कदम उठाने की क्षमता बढ़ाने के मकसद से वैश्विक स्तर पर ज्ञान साझा करने, प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान करने और सतत विकास पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया है।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मिश्रा ने ब्राजील के बेलेम में जी-20 आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह (डीआरआरडब्ल्यूजी) की मंत्रिस्तरीय बैठक में यह बात कही। उन्होंने एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया जिसने 30 अक्टूबर से एक नवंबर तक आयोजित बैठक में भाग लिया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल की सक्रिय भागीदारी से आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) पर पहली मंत्रिस्तरीय घोषणा को अंतिम रूप देने में सर्वसम्मति बनी।

मिश्रा ने विभिन्न मंत्रिस्तरीय सत्रों के दौरान चर्चा में भारत में आपदा जोखिमों को कम करने और आपदा वित्तपोषण को बढ़ाने में केंद्र सरकार द्वारा की गई प्रगति को साझा किया।

उन्होंने जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान प्रतिपादित डीआरआरडब्ल्यूजी की पांच प्राथमिकताओं यानी प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली, आपदा रोधी बुनियादी ढांचे, डीआरआर वित्तपोषण, प्रतिरोधी क्षमतापूर्ण पुनर्वास और प्रकृति आधारित समाधान पर भारत के सक्रिय दृष्टिकोण पर जोर दिया।

उन्होंने आपदा रोधी बुनियादी ढांचे पर प्रधानमंत्री की आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन (सीडीआरआई) की वैश्विक पहल को साझा किया। इस गठबंधन के अब 40 देश और सात अंतरराष्ट्रीय संगठन सदस्य हैं।

विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने ‘सेंडाई फ्रेमवर्क’ के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और वैश्विक स्तर पर आपदा से बचाव बढ़ाने के लिए ज्ञान साझा करने, प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और सतत विकास पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के मंत्रियों के साथ बैठक में भी भाग लिया और मेजबान देश ब्राजील और अन्य देशों जापान, नॉर्वे, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, जर्मनी के मंत्रियों और आमंत्रित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।

अत्यधिक गर्मी पर चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप पारंपरिक चलन को बढ़ावा देने पर ध्यान देने सहित उठाए जा रहे कदमों और अनुभव को साझा किया।

जी20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान देश की पहल पर 2023 में पहले डीआरआरड्ब्लयूजी का गठन किया गया था।

विज्ञप्ति में कहा गया कि भारत की भागीदारी वैश्विक डीआरआर प्रयासों में इसकी बढ़ती भूमिका और एक सुरक्षित एवं अधिक आपदा रोधी विश्व के निर्माण के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।