भारत, ऑस्ट्रेलिया की रणनीतिक साझेदारी लगातार बढ़ रही : विदेश मंत्री जयशंकर
Focus News 5 November 2024कैनबरा, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कैनबरा में 15वीं विदेश मंत्री रूपरेखा वार्ता (एफएमएफडी) के लिए ऑस्ट्रेलिया में अपनी समकक्ष पेनी वोंग से मुलाकात की।
दोनों नेताओं ने ‘‘अपने-अपने पड़ोसी देशों, हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया, यूक्रेन और वैश्विक सामरिक परिदृश्य’’ पर भी चर्चा की।
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज कैनबरा में विदेश मंत्री सीनेटर वोंग के साथ 15वीं भारत-ऑस्ट्रेलिया विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता (फॉरेन मिनिस्टर्स फ्रेमवर्ग डायलॉग) संपन्न हुई। हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी लगातार बढ़ रही है। यह मजबूत राजनीतिक संबंधों, मजबूत रक्षा और सुरक्षा सहयोग, विस्तारित व्यापार, अधिक गतिशीलता और गहन शैक्षिक संबंधों में परिलक्षित होता है।’’
अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘‘अपने अपने संबंधित पड़ोसी देशों, हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया, यूक्रेन और वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य पर चर्चा हुई।’’
वोंग ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया और भारत की साझेदारी हमारे साझा क्षेत्र की शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। आज, मैंने 15वीं ऑस्ट्रेलिया-भारत विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता के लिए कैनबरा में अपने अच्छे मित्र डॉ. एस. जयशंकर का स्वागत किया।’’
वोंग ने घोषणा की कि ऑस्ट्रेलिया अगले साल पहली बार भारत में ‘फर्स्ट नेशंस बिजनेस मिशन’ भेजेगा। यह मिशन भारत के साथ जुड़ने के इच्छुक ‘फर्स्ट नेशंस’ (जातीय मूल के लोगों) व्यवसायों के लिए नयी वाणिज्यिक साझेदारियों का समर्थन करेगा और ‘फर्स्ट नेशन’ व्यवसायों को विदेशों में नए बाजारों में बढ़ावा देगा।
उन्होंने लिखा, ‘‘हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा, कृषि, शिक्षा और कौशल तथा पर्यटन सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं। आज, मैंने घोषणा की कि अल्बानिया सरकार ऑस्ट्रेलिया-भारत साइबर और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी साझेदारी के तहत छह प्रभावशाली परियोजनाओं को वित्तपोषित कर रही है।’’
इस बीच, ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच मजबूत रणनीतिक, आर्थिक और सामुदायिक संबंध हैं। लगभग दस लाख ऑस्ट्रेलियाई अपनी विरासत का श्रेय भारत को देते हैं। हम एक ऐसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण साझा करते हैं जो शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हो।’’
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी के पांचवे वर्ष यानी 2025 से पहले विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता हमारे द्वारा की गई प्रगति का जायजा लेने और हमारे संबंधों में अगले चरण के लिए आगे का रास्ता तैयार करने का अवसर है।’’
बयान में कहा गया है कि दोनों नेता ‘‘इस बात पर चर्चा करेंगे कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा, व्यापार एवं निवेश सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने सहयोग को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है और अपनी रक्षा तथा समुद्री सुरक्षा भागीदारी को कैसे गहरा किया जा सकता है।’’
बयान के अनुसार, ‘‘भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और दशक के अंत तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। भारत एक आवश्यक साझेदार है, क्योंकि दोनों देश अपने व्यापार संबंधों में विविधता ला रहे हैं और अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित कर रहे हैं।’’
दोनों नेता भारत की ‘रायसीना वार्ता’ के ऑस्ट्रेलियाई संस्करण ‘रायसीना डाउन अंडर’ में भी भाग लेंगे।
रायसीना वार्ता भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत का अहम सम्मेलन है, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आने वाले सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है।