नयी दिल्ली, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उन्हें भले ही व्यवसाय विरोधी के रूप में पेश करने का प्रयास कर रही है, लेकिन असलियत में वह व्यवसायों के नहीं, बल्कि एकाधिकार के खिलाफ हैं।
भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ‘बेबुनियाद आरोप’ लगाने के लिए बुधवार राहुल गांधी की आलोचना की थी और उनसे किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले तथ्यों की जांच करने की सलाह दी थी।
राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘भाजपा के लोगों द्वारा मुझे व्यवसाय विरोधी बताने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन मैं व्यवसाय विरोधी नहीं हूं, बल्कि एकाधिकार के खिलाफ हूं।’’
उनका कहना है कि वह एक, दो, तीन या पांच लोगों द्वारा उद्योग जगत में एकाधिकार स्थापित करने के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने करियर की शुरुआत मैनेजमेंट कंसल्टटेंट के रूप में की। मैं कारोबार की सफलता के लिए जरूरी चीजों को समझता हूं। इसलिए स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि मैं व्यवसाय विरोधी नहीं हूं, एकाधिकार विरोधी हूं।’’
राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं नौकरियों के सृजन का समर्थक हूं, व्यवसाय का समर्थक हूं, नवोन्मेष का समर्थक हूं, प्रतिस्पर्धा का समर्थक हूं। मैं एकाधिकार विरोधी हूं। हमारी अर्थव्यवस्था तभी फलेगी-फूलेगी जब सभी व्यवसायों के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष स्थान होगा।’’
कांग्रेस नेता ने बुधवार को एक लेख में दावा किया था कि ईस्ट इंडिया कंपनी भले ही सैकड़ों साल पहले खत्म हो गई हो, लेकिन उसने जो डर पैदा किया था, वह आज फिर से दिखाई देने लगा है और एकाधिकारवादियों की एक नयी पीढ़ी ने उसकी जगह ले ली है।