कोलकाता, 20 नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने से कुछ दिन पहले जमीनी स्तर के अपने अनुभवों का हवाला देते हुए राज्य के उत्तरी और दक्षिणी जिलों के बीच ‘‘क्षेत्रीय असंतुलन’’ को उजागर किया और दावा किया कि उत्तरी क्षेत्र में समृद्धि की कमी के कारण राज्य सरकार और वहां के लोगों के बीच ‘‘दूरी आई’’ है।
राज्यपाल बोस ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ विभिन्न मुद्दों पर विशेष बातचीत की।
इस बातचीत के दौरान उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काम का मूल्यांकन करने से परहेज किया लेकिन यह स्पष्ट किया कि वह एक नेता के बजाए मुख्यमंत्री के तौर पर उनके प्रदर्शन को लेकर ‘अधिक चिंतित’ हैं।
बोस ने अब तक के अपने कार्यकाल पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा ,‘‘ इन दो वर्षों ने मुझे कई सकारात्मक बातें सिखाई हैं। यह एक बहुत ही परिष्कृत राज्य है जहां कला और संस्कृति पर बहुत जोर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन राज्य में कुछ समस्याएं हैं, विशेषकर उत्तरी बंगाल में जहां क्षेत्रीय असंतुलन है और उसके कारण दूरी पैदा हो रही है।’’
बोस ने कहा कि गंगा के उत्तर में स्थित जिलों में ‘‘आर्थिक पिछड़ेपन’’ के कारण लोगों की राज्य प्रशासन से ‘‘दूरी’’ पैदा हुई है।
उन्होंने 23 नवंबर 2022 को राज्यपाल का पदभार संभाला था। पद संभालने के के बाद से बोस का पश्चिम बंगाल सरकार के साथ विभिन्न मुद्दों पर कई बार टकराव हो चुका है, जिनमें राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति, कोलकाता पुलिस द्वारा उनके कार्यालय में कथित जासूसी, तथा राजभवन की एक महिला संविदाकर्मी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप शामिल हैं।
बोस ने कहा, ‘‘ ममता बनर्जी के काम का मूल्यांकन गोपनीय रखा जाएगा। सबसे पहले इसकी जानकारी उपयुक्त सक्षम प्राधिकारियों को दी जाएगी।’’