नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करना और लोगों को उपदेश देना तेजी से एक ‘शगल’ बनता जा रहा है।
धनखड़ ने कहा कि यहां तक कि वे भी जो ‘‘राजनीतिक क्षेत्र में संवैधानिक रूप से अहम हैं’’ ‘‘सभी को उपदेश दे रहे हैं और हमारी संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम कर रहे हैं।’’
उप राष्ट्रपति ने यहां एक शैक्षणिक संस्थान के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अब इसे समाप्त करने का समय आ गया है।
उप राष्ट्रपति ने शैक्षिक तंत्र को मजबूत करने में पूर्व छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी बात की। उन्होंने पूर्व छात्रों से अपने-अपने संगठनों में सक्रिय भागीदारी और योगदान का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी संस्थान के पूर्व छात्र कई मायनों में उसकी जीवन रेखा होते हैं… मैं पूर्व छात्र निधि बनाने का पुरजोर आग्रह करता हूं। वार्षिक योगदान देना बहुत महत्वपूर्ण है। विश्व स्तर पर कुछ बेहतरीन संस्थान उन्नति की ओर अग्रसर हैं, क्योंकि ये संस्थान पूर्व छात्रों की ऊर्जा से प्रेरित हैं।’’
उन्होंने कहा कि व्यवसाय और वाणिज्य, व्यापार और उद्योग जगत से जुड़े संगठनों को भी वित्तीय योगदान के माध्यम से अनुसंधान और नवन्मेष को बढ़ावा देने के लिए आगे आना चाहिए।