कांग्रेस ने महाराष्ट्र को देश का शीर्ष राज्य बनाया, मौजूदा सरकार में अर्थव्यवस्था खस्ताहाल: चिदंबरम

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मुंबई,  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी ने एक-एक ईंट जोड़कर महाराष्ट्र को भारत का शीर्ष राज्य बनाया, लेकिन इसकी अर्थव्यवस्था मौजूदा महायुति सरकार के दौरान खस्ताहाल होती जा रही है।

राज्य में 20 नवंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र उद्योग और सेवाओं के क्षेत्र में देश में अग्रणी है और कृषि के क्षेत्र में भी यह शीर्ष राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश भारत की वाणिज्यिक राजधानी थी और वर्तमान में भी है।

चिदंबरम ने कहा, ‘‘लेकिन मुझे नहीं पता कि यह भारत की वाणिज्यिक राजधानी कब तक बनी रहेगी।’’ उन्होंने कहा कि पिछले आठ-10 वर्षों में, महा विकास आघाडी (एमवीए) के ढाई साल के शासन को छोड़कर, कांग्रेस सत्ता में नहीं थी। उन्होंने कहा कि सरकार अब भाजपा और उसके सहयोगियों द्वारा चलाई जा रही है।

कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (एसपी) एमवीए में साझेदार हैं, जबकि भाजपा, राकांपा और शिवसेना सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दल हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार के तहत (राज्य की अर्थव्यवस्था में) गिरावट दिखाई दे रही है।’’

चिदंबरम ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने एक-एक ईंट जोड़कर महाराष्ट्र को भारत का नंबर एक राज्य बनाया है।’’

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने वर्ष 2022-23 और 2023-24 का जिक्र करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 9.4 प्रतिशत से घटकर 7.6 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा 67,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,12,000 करोड़ रुपये हो गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य की कृषि वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत से गिरकर 1.9 प्रतिशत रह गई है, जबकि सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 13 प्रतिशत से घटकर 8.3 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने दावा किया कि पूंजीगत व्यय 85,000 करोड़ रुपये पर स्थिर बना हुआ है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘इस गिरावट को रोकना होगा। इसे वे लोग नहीं रोक सकते जिन्होंने इस गिरावट को जन्म दिया है।’’

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में नौकरियां नहीं हैं, जिसकी वजह से सामाजिक बुराइयां उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है, लेकिन मौजूदा सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है।

उन्होंने कहा कि उद्योगों ने राज्य में निवेश के लिए सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए थे और इकाइयां स्थापित करने के लिए स्थान भी चिह्नित किये गए थे, लेकिन यह साकार नहीं हुआ।

चिदंबरम ने गुजरात का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आप जानते हैं कि वे उद्योग कहां चले गए।’’

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के युवाओं में बेरोजगारी दर 10.8 प्रतिशत है और उनमें से करीब 47 प्रतिशत स्वरोजगार में लगे हैं।

चिदंबरम ने दावा किया कि हर महीने वेतन पाने वालों का आंकड़ा 40 प्रतिशत से घटकर 31 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस में कांस्टेबल और ड्राइवर के 18,300 पदों के लिए 11 लाख लोगों ने आवेदन किया है, जबकि 4,600 तलाटी (राजस्व अधिकारी) पदों के लिए 11.5 लाख युवाओं ने आवेदन किया है।

 

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