भारत-ब्रिटेन एफटीए वार्ता: समझौता शीघ्र पूरा करने के लिए मतभेदों को पाटना चाहते हैं दोनों पक्ष

wdergtgfcxz

नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) भारत और ब्रिटेन प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को शीघ्र पूरा करने के लिए मतभेद दूर करने का प्रयास करेंगे। बुधवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।

ब्रिटेन ने अगले साल की शुरुआत में इस समझौते पर वार्ता फिर से शुरू करने की घोषणा की है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने ब्राजील में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद मंगलवार को कहा था कि भारत के साथ व्यापार वार्ता नए साल में, नए सिरे से फिर से शुरू की जाएगी।

भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित एफटीए के लिए वार्ता जनवरी 2022 में शुरू हुई थी। दोनों देशों में आम चुनाव के बीच 14वें दौर की वार्ता रुक गई थी।

वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को बयान में कहा, ‘‘ हम नए वर्ष में भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार वार्ता पुनः शुरू करने की ब्रिटेन की घोषणा का स्वागत करते हैं।’’

मंत्रालय ने कहा कि भारत संतुलित, पारस्परिक रूप से लाभकारी और दूरदर्शी एफटीए सुनिश्चित करने के महत्व पर ध्यान देते हुए पारस्परिक संतुष्टि के लिए शेष मुद्दों को सुलझाने के उद्देश्य से ब्रिटेन के वार्ता दल के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर है।

राजनयिक माध्यमों से जल्द ही तारीखों पर अंतिम फैसला किया जाएगा।

इस बयान में कहा गया, ‘‘ एफटीए वार्ता में अभी तक हासिल प्रगति पर चर्चा फिर से शुरू की जाएगी और व्यापार समझौते को शीघ्रता से पूरा करने के लिए इस अंतराल को पाटने का प्रयास किया जाएगा।’’

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार एवं वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने समझौते पर अगले कदमों पर चर्चा करने के लिए 11 जुलाई को एक ऑनलाइन बैठक भी की थी।

इससे पहले ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट’ (ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का आधिकारिक कार्यालय एवं आवास) की ओर से मंगलवार को जारी बयान में द्विपक्षीय बैठक के बाद स्टॉर्मर के हवाले से कहा गया था, ‘‘ भारत के साथ एक नया व्यापार समझौता ब्रिटेन में नौकरियों तथा समृद्धि को बढ़ावा देगा। यह हमारे देश में वृद्धि और अवसर प्रदान करने के हमारे अभियान को एक कदम और आगे बढ़ाएगा।’’

भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2022-23 में 20.36 अरब अमेरिकी डॉलर से 2023-24 में बढ़कर 21.34 अरब डॉलर हो गया।