संसद में अदाणी और संभल मुद्दे पर गतिरोध बरकरार, नहीं चल पाए दोनों सदन
Focus News 29 November 2024 0नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) अदाणी समूह पर लगे आरोपों और संभल हिंसा सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर संसद में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण शुक्रवार को भी गतिरोध कायम रहा तथा राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद, जबकि लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत 25 नवंबर को हुई थी और विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण पहले सप्ताह दोनों सदनों में गतिरोध कायम रहने से कोई महत्वपूर्ण विधायी कामकाज नहीं हो पाया।
निचले सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर जैसे ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस सदस्य अदाणी समूह से जुड़े मामले को उठा रहे थे, वहीं सपा सांसद संभल हिंसा का मुद्दा उठाते देखे गए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की।
हंगामे के बीच ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
बिरला ने इस दौरान नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘देश की जनता चाहती है कि सदन चले। कई माननीय विद्वानों ने लिखा है कि संसद चलनी चाहिए, चर्चा-संवाद होना चाहिए। सहमति और असहमति हमारे लोकतंत्र की ताकत है। मैं आग्रह करता हूं कि जनता की भावनाओं और उनकी आशाओं एवं आकांक्षाओं के अनुसार, आप सदन चलाने में सहयोग करें। आज स्वास्थ्य एवं महिलाओं पर प्रश्नकाल में चर्चा हो रही है। प्रश्नकाल आपका समय है।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘देश की जनता सांसदों और संसद के बारे में चिंता व्यक्त कर रही है। आप सदन चलाने दें। आप अपने स्थान पर जाएं, आपको हर विषय पर नियम-प्रक्रियाओं के तहत चर्चा करने का पर्याप्त अवसर दूंगा।’’
बिरला के बार-बार अपील करने के बाद भी आसन के समीप खड़े कांग्रेस और सपा सांसदों की नारेबाजी जारी रही। हंगामा नहीं थमने पर लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 10 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
दोपहर 12 बजे निचले सदन की बैठक फिर शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। शोरशराबा जारी रहने पर पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने दोपहर करीब 12 बजकर 10 मिनट पर सदन की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
उधर, राज्यसभा में सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के तहत चर्चा के लिए कुल 17 नोटिस मिले हैं, लेकिन वह इन्हें स्वीकार करने की स्थिति में नहीं हैं।
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, रंजीत रंजन, अनिल कुमार यादव, दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा, रजनी पाटिल, जेबी माथेर हिशाम, अखिलेश प्रताप सिंह और सैयद नासिर हुसैन ने अदाणी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं सहित अन्य कदाचारों के आरोपों के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे।
समाजवादी पार्टी के रामजी लाल सुमन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास और ए ए रहीम सहित कुछ अन्य सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरूचि शिवा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पी संदोष कुमार सहित कुछ अन्य सदस्यों ने मणिपुर में जारी हिंसा के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए।
धनखड़ ने बताया कि आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने दिल्ली में अपराध के बढ़ते मामलों पर चर्चा के लिए नोटिस दिया जबकि उन्हीं की पार्टी के राघव चड्ढा ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार और इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था।
सभापति धनखड़ ने सभी नोटिस अस्वीकार करते हुए कहा कि सदस्य इन मुद्दों को रोज उठा रहे हैं और इस वजह से हुए हंगामे के चलते सदन के तीन कार्य दिवस बर्बाद हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सदस्य सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए नियम 267 को हथियार बना रहे हैं। उन्होंने सदस्यों के आचरण पर नाराजगी जताते हुए उनको आत्ममंथन करने की भी सलाह दी।
सभापति की इस टिप्पणी पर विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए हंगामा शुरु कर दिया।
इससे पहले कि हंगामा और तेज होता, धनखड़ ने 11 बजकर 13 मिनट पर सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन 26 नवंबर को दोनों सदनों की बैठक नहीं हुई तथा पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक केन्द्रीय कक्ष में संविधान अपनाये जाने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।