महाराष्ट्र चुनाव में ‘वोट जिहाद’ न हो, यह सुनिश्चित करेंगे: भाजपा विधायक नितेश राणे

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कंकवली (महाराष्ट्र),महाराष्ट्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक नितेश राणे ने कहा है कि वह सुनिश्चित करेंगे कि आगामी विधानसभा चुनाव में ‘वोट जिहाद’ नहीं हो और वह अपने खिलाफ दर्ज भड़काऊ भाषणों (हेट स्पीच) से जुड़ी कई प्राथमिकियों से भयभीत नहीं हैं।

राणे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने अपने धर्म या समुदाय का पक्ष लेकर कुछ भी गलत नहीं किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र पर हिंदू के रूप में मेरा उल्लेख किया जाएगा। अगर मैं अपने धर्म या अपने समुदाय का पक्ष लेने की कोशिश कर रहा हूं और इसके लिए मुझे भड़काऊ भाषण देने के अपराध का दोषी ठहराया जा रहा है तो मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ गलत है। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।’’

भाजपा नेता ने दावा किया कि इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान ‘वोट जिहाद’ हुआ।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सिंधुदुर्ग जिले की कंकवली सीट से भाजपा के उम्मीदवार राणे ने कहा, ‘‘हम सुनिश्चित करेंगे कि राज्य में होने वाले चुनावों के दौरान यह जिहाद न हो।’’

‘वोट जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल राजनीति में वोटों के ध्रुवीकरण के लिए होता है। भाजपा नेता दावा करते हैं कि मुस्लिम समुदाय ने लोकसभा चुनावों में ‘वोट जिहाद’ के जरिए पार्टी के खिलाफ बड़े पैमाने पर मतदान किया था।

राणे ने आरोप लगाया कि एक तरफ मुस्लिम समुदाय के ‘खास जिहादी मानसिकता’ वाले लोग, ‘रोहिंग्या और बांग्लादेशी’ यह दावा करना चाहते हैं कि वे संविधान का पालन करते हैं लेकिन दूसरी तरफ वे, वह सब कुछ करेंगे जो शरिया कानून के तहत आता है।

भाजपा सांसद नारायण राणे के बेटे ने कहा, ‘‘यदि आप हिंदुओं और मुसलमानों के बीच शांति को बढ़ावा दे रहे हैं, अगर आपको लगता है कि हिंदुओं और मुसलमानों के लिए कानून समान होने चाहिए तो आप लव जिहाद, लैंड जिहाद और वोट जिहाद क्यों कर रहे हैं?’’

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, ‘‘आप क्या एक भारतीय के रूप में चुनाव नहीं लड़ सकते? आप क्या एक भारतीय के रूप में मतदान नहीं कर सकते? आपको अपने समुदाय को यह क्यों कहना पड़ रहा है कि आपने मोदी सरकार के खिलाफ वोट दिया है?’’

भाजपा नेता ने कहा कि दूसरी तरफ वे केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ भी उठाना चाहते हैं।

चुनावी हलफनामे के अनुसार, दो बार के विधायक के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषणों को लेकर राज्य भर में आधा दर्जन से अधिक प्राथमिकी दर्ज हैं।

सितंबर में सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में, नितेश राणे को यह टिप्पणी करते हुए सुना गया था कि अगर कोई भी धार्मिक नेता रामगिरी महाराज के खिलाफ कुछ भी कहता है, तो ‘हम आपकी मस्जिदों में घुसेंगे और एक-एक को मारेंगे। इसे ध्यान में रखें।’

इसके बाद, उन पर कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए मामला दर्ज किया गया था।

रामगिरी महाराज पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने का आरोप है।

अपने खिलाफ मामलों का जिक्र करते हुए नितेश राणे ने कहा, ‘‘मेरी हर टिप्पणी पर एफआईआर दर्ज की गई है। यह मूल रूप से तब होता है जब मैं अपने ही समुदाय का पक्ष ले रहा होता हूं, जब उनके साथ अन्याय किया जाता है, जब उन्हें हमारे हिंदू राष्ट्र में अपने त्योहार मनाने की अनुमति नहीं दी जाती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाती है और मुझ पर धर्म का पक्ष लेने का आरोप लगाया जाता है तो मुझे किसी भी तरह की कार्रवाई का सामना करने में बहुत खुशी होगी।’’

 

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