भाजपा ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जे की मांग वाले प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस को घेरा

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नयी दिल्ली,  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने संबंधी प्रस्ताव पारित करने पर बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और पार्टी नेतृत्व से पूछा कि क्या वह आतंकवाद के पक्ष में है।

भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी की वरिष्ठ नेता स्मृति ईरानी ने यह भी पूछा कि क्या कांग्रेस नीत ‘इंडिया’ गठबंधन जम्मू-कश्मीर के ‘आर्थिक और संवैधानिक हितों’ के साथ-साथ उन अधिकारों के खिलाफ है जो अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के बाद आदिवासियों, दलितों, अन्य पिछड़ा वर्गों, महिलाओं और बच्चों को मिले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वे अपने लिए विशेष दर्जा चाहते हैं, जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए नहीं।’’

जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने बुधवार को पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने की मांग वाला प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद से भाजपा ने उमर अब्दुल्ला सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।

नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने के बावजूद कांग्रेस जम्मू-कश्मीर सरकार का हिस्सा नहीं है। दोनों दल ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ के घटक हैं।

भाजपा सदस्यों ने प्रस्ताव के खिलाफ बृहस्पतिवार को भी जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विरोध प्रदर्शन जारी रखा। हंगामा देख विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर के निर्देश पर पार्टी के तीन विधायकों को सदन से बाहर कर दिया गया।

ईरानी ने कहा, ‘‘आज, मैं एक भारतीय नागरिक के नाते यहां हूं और कांग्रेस नीत इंडिया गठबंधन द्वारा सदन में ऐसा प्रस्ताव लाने के प्रयास से क्षुब्ध हूं जो भारतीय संविधान और उच्चतम न्यायालय की राय के खिलाफ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज भारत के लोगों और भाजपा के कार्यकर्ताओं की नाराजगी में शामिल होकर यह बात बोल रही हूं।’’

ईरानी ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में ‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा पारित प्रस्ताव कई सवाल उठाता है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस नेतृत्व, विशेष रूप से गांधी परिवार को जवाब देने की जरूरत है कि क्या वे आतंकवाद के पक्ष में हैं और जम्मू-कश्मीर के विकास के खिलाफ खड़े हैं? क्या वे संविधान का पालन करने के बजाय भारत को तोड़ने के लिए खड़े हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘खासकर झारखंड और महाराष्ट्र में कांग्रेस नेतृत्व को इस सवाल का जवाब देना होगा कि क्या वे उन नागरिकों की वीरता के खिलाफ खड़े हैं, जिन्होंने हमारी बेहतर सुरक्षा के लिए भारतीय सशस्त्र बलों में वर्दी पहनी है।’’

 

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