पटना, 30 नवंबर (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
कुमार ने दावा किया कि उनकी सरकार राज्य में किसानों के लाभ के लिए कृषि के संपूर्ण क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है।
उन्होंने कहा कि 2005 में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई पहल कीं।
कुमार ने यहां गांधी मैदान में चार-दिवसीय कृषि प्रदर्शनी ‘एग्रो बिहार 2024’ का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘नवंबर 2005 में सत्ता में आने के बाद हमने कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों के लाभ के लिए कई पहल और योजनाएं शुरू की। हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है… राज्य सरकार राज्य में किसानों के लाभ के लिए सपूर्ण कृषि क्षेत्र के उन्नयन के वास्ते विभिन्न योजनाएं लागू कर रही हैं।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमने 2008 में राज्य में कृषि विकास के लिए मसौदा पेश किया था, जिससे राज्य में फसलों, फलों और सब्जियों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ी। हमने राज्य में कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए…और इसके परिणाम बहुत सकारात्मक हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को खेती से जुड़े आधुनिक उपकरण मिल रहे हैं, उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिल रहे हैं और सरकार द्वारा शुरू की गई कई अन्य योजनाओं का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रदर्शनी का आयोजन भी सरकार की एक पहल है, जहां किसानों को कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीक के उपयोग के बारे में अद्यतन जानकारी मिल सकती है।
कुमार ने राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदर्शनी में विभिन्न स्टॉल का भी दौरा किया।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘प्रदर्शनी में कृषि क्षेत्र से संबंधित 125 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। बिहार के अलावा दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल जैसे अन्य राज्यों से कृषि क्षेत्र में उपयोग होने वाले उपकरणों के निर्माता भी इस प्रदर्शनी में हिस्सा ले रहे हैं। बिहार के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी कृषि क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिक, कृषि विशेषज्ञ और उद्यमी इस प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं।’’
विज्ञप्ति के मुताबिक, राज्य के सभी जिलों से प्रतिदिन 4,500 किसानों के लिए सरकारी खर्च पर मेले में आने की व्यवस्था भी की गई है।
इसमें कहा गया कि प्रदर्शनी के दौरान ‘किसान पाठशाला’ में कृषकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जहां उन्हें नवीनतम कृषि मशीनरी, फसल अवशेष प्रबंधन उपकरण और अन्य सामग्रियों के बारे में जानकारी मिलेगी।