क्या होगा जब आप किसी हादसे का शिकार होने के बाद अपना नाम अपनी पहचान ही खो दें और आपको अपनी ही पिछली ज़िन्दगी की कुछ भी बातें याद ही ना रहें ? एक ऐसी ही जबरदस्त सस्पेंस थ्रिलर फिल्म ” नाम ” लेकर आ रहे हैं अजय देवगन और अनीस बज़्मी । रूंगटा एंटरटेनमेंट और स्निग्धा मूवीज़ के बैनर तले बनी फिल्म नाम एक ऐसे गैंगस्टर की ज़िंदगी पर आधारित है जिसने अपनी अशांत ज़िन्दगी में वो सब कुछ किया है जो एक गैंगस्टर का सपना होता है , लेकिन इसी क्रम में उसका सामना एक ऐसी भीषण दुर्घटना से होता है जिसमें वह अपनी पिछली पूरी ज़िंदगी को ही भूल जाता है । लेकिन उसके भूलने से समस्याएं खत्म नहीं होती और उसका सामना माफिया, पुलिस, सीबीआई और ऐसे खतरनाक दुश्मनों से होता है जो उसकी जान के पीछे हाथ धो कर पड़े होते हैं। फिर इसी के साथ चूहे बिल्ली का खेल शुरू होता है । इस फिल्म में अजय देवगन एक पेशेवर हत्यारे के किरदार में हैं ।
वैसे फिल्म के नाम “नाम “से सबसे पहले तो संजय दत्त और कुमार गौरव की फिल्म ही याद आती है । साथ ही याद आता है पंकज उधास का लोकप्रिय और सुप्रसिद्ध गीत “चिट्ठी आई है”।चालीस साल के बीत जाने के बाद आज भी इस गीत की लोकप्रियता बरकरार है।
अब बात नयी नाम की करें तो रूंगटा एंटरटेनमेंट ने एक प्रोडक्शन हाउस के तौर पर इस फ़िल्म के जरिये बड़े प्रोजेक्ट्स में एंट्री की है । इस फ़िल्म में अजय देवगन के साथ भूमिका चावला, राहुल देव, समीरा रेड्डी, विजय राज, यशपाल शर्मा, शरत सक्सेना, मुकेश तिवारी और राजपाल यादव ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं ।
फ़िल्म की कहानी अजय देवगन के चरित्र पर ही पूरी तरह से केंद्रित है, जो कि एक नामी और पेशेवर हत्यारा है, जिसका जीवन एक जानलेवा दुर्घटना के बाद नया मोड़ लेता है। दुर्घटना के बाद उसे यह याद ही नहीं रहता कि वह कौन है। जैसे ही वह अपनी पहचान को फिर से खोजने की यात्रा पर निकलता है, वह रहस्यों और खुलासों के जाल में फंस जाता है जो उसे उसके अतीत की सच्चाई के करीब ले जाता है। जहाँ उसके विभिन्न प्रकार के दुश्मनों से उसका सामना होता है और एक्शन , रहस्य, रोमांच के साथ इस फ़िल्म का ट्विस्ट बढ़ता है । इस फ़िल्म के निर्माता हैं अनिल रूंगटा व सुरेखा दिनेश पटेल , फिल्म के सह निर्माता हैं ज्ञानचन्द देवपति और सुनील आर. मेहरा। संगीत है हिमेश रेशमिया और साज़िद-वाजिद का । फिल्म के गीत लिखे हैं समीर और जलीस शेरवानी ने । फ़िल्म की कहानी हुमायूँ मिर्जा ने लिखी है। स्क्रीन प्ले और संवाद अनीस बज़्मी और हुमायूँ मिर्जा ने मिलकर लिखे है।