कोलंबो, श्रीलंका की नयी सरकार ने पुलिस को कुछ हाई-प्रोफाइल मामलों की फिर से जांच करने का आदेश दिया है, जिसमें 2019 के ‘ईस्टर संडे’ आतंकवादी हमले और 2005 में एक तमिल अल्पसंख्यक समुदाय के पत्रकार की हत्या का मामला भी शामिल है।
पिछले महीने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाली सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) ने उन पिछले मामलों की फिर से जांच करने का वादा किया था, जिनका समाधान नहीं हो पाया था।
सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने यह निर्णय इसलिए लिया है, ताकि जांच में किसी भी तरह की चूक की पहचान की जा सके।
पुलिस प्रवक्ता निहाल थलदुवा ने शनिवार को कहा, “मंत्रालय ने कार्यवाहक पुलिस प्रमुख से कहा है कि इन मामलों की पुनः जांच की जानी चाहिए।”
जिन मामलों की फिर से जांच की जानी है, उनमें 2015 में सेंट्रल बैंक बॉण्ड जारी करने में कथित घोटाला शामिल है, जिसके लिए पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की तत्कालीन सरकार को दोषी ठहराया गया था।
इसके अलावा 2019 के ‘ईस्टर संडे’ आतंकवादी हमले की भी जांच की जानी है, जिसमें 11 भारतीयों सहित 270 से अधिक लोग मारे गए थे।
आतंकवादी हमले का गवाह बना कैथोलिक चर्च इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग करता रहा है। उसका आरोप है कि पिछली सरकारों ने राजनीति से प्रेरित होकर इस हमले पर पर्दा डाल दिया था।
जिन अन्य मामलों की जांच की जानी है उनमें तमिल अल्पसंख्यक समुदाय के पत्रकार डी. शिवराम की 2005 में हुई हत्या और उस समय पूर्वी विश्वविद्यालय के प्रमुख रहे एक तमिल अल्पसंख्यक शिक्षाविद का 2006 में अपहरण किये जाने और लापता होने का मामला भी शामिल है।