त्बिलिसी (जॉर्जिया), तीन अक्टूबर (एपी) जॉर्जिया की संसद के अध्यक्ष ने बृहस्पतिवार को एक विधेयक पर हस्ताक्षर किए, जो देश में एलजीबीटीक्यू के अधिकारों को गंभीर रूप से सीमित करता है।
जॉर्जिया का यह कानून पड़ोसी देश रूस में लागू कानून की तरह है। संसद के अध्यक्ष शाल्वा पापुआश्विली ने सोशल मीडिया पर कहा कि यह कानून ‘‘वर्तमान, अस्थायी, बदलते विचारों और विचारधाराओं को प्रतिबिंबित नहीं करता है, बल्कि यह सामान्य ज्ञान, ऐतिहासिक अनुभव और सदियों पुराने ईसाई, जॉर्जियाई और यूरोपीय मूल्यों पर आधारित है।’’
जॉर्जिया की राष्ट्रपति सलोमी जौराबिचविली ने इस विधेयक पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था और बुधवार को इसे संसद में वापस भेज दिया था। इसे सत्तारूढ़ जॉर्जियन ड्रीम पार्टी ने पेश किया था और पिछले महीने सांसदों ने इसे मंजूरी दी थी।
इस विधेयक में समलैंगिक विवाह, समलैंगिक जोड़ों द्वारा गोद लेने और एलजीबीटीक्यू+ के संबंधों और लोगों के मीडिया में सार्वजनिक समर्थन और चित्रण पर प्रतिबंध शामिल हैं।
पापुआश्विली ने लिखा, ‘‘यह कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है, ताकि दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन न हो, जो सच्चे लोकतंत्र का सार और विचार है।’’
संसद ने इस विधेयक को अंतिम मंजूरी ऐसे समय दी है जब देश संसदीय चुनाव में मतदान की तैयारी कर रहा है। मुख्यतः रूढ़िवादी देश जॉर्जिया में चर्च का महत्वपूर्ण प्रभाव है।
इस कानून को सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा रूढ़िवादी समूहों के बीच समर्थन बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, मानवाधिकार के पैरोकारों और एलजीबीटीक्यू कार्यकर्ताओं ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि इसने पहले से ही कमजोर समुदाय को और हाशिए पर धकेल दिया है।